ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
महामारी घोषित कोरोना से बचाव के लिए सरकारें अपनी तरफ से भरपूर प्रयास कर रही हैं साथ ही जनता को सोशल डिस्टेंस मेंटेन रखने के लिए निवेदन और सख्ती दोनों तरीके से पालन करा रही हैं इस बीच सबसे ज्यादा प्रेशर चिकित्सकों पर है।
ग्वालियर के जिला अस्पताल, जयारोग्य अस्पताल, बिरला अस्पताल सहित अन्य कई बड़े अस्पतालो में आइसोलेशन के साथ कोरोना संदिग्ध और कोरोना पीड़ित के इलाज की व्यवस्था की गई है। लेकिन सरकारी अस्पतालो की भीड़ से बचने इस बीच कुछ संदिग्ध मरीज निजी अस्पतालो और प्राइवेट चिकित्सकों की क्लिनिक पर भी पहुँचने लगे लेकिन मालूम पड़ा कि कोरोना का डर से कई प्राइवेट डॉक्टर्स ने अपने अस्पताल और क्लिनिक बंद कर दिये। इतना ही नहीं कई डॉक्टर्स ने अपने मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिए।
प्राइवेट अस्पतालो और क्लिनिक संचालक चिकित्सकों की शिकायत कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह के पास पहुंची उसके बाद प्रशासन ने आदेश दिया कि ये राष्ट्रीय आपदा है, इसलिए आप फौरन बंद किये गए अपने अस्पताल और क्लिनिक खोलें और मरीजों का इलाज शुरू करें और यदि इस आदेश का उल्लंघन किया गया तो संबंधित ले खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी। जिला प्रशासन के इस आदेश के बाद निजी अस्पताल और क्लिनिक संचालक चिकित्सकों में हड़कंप मच गया है।