नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कतर स्थित समाचार चैनल अल-जजीरा ने आरोप लगाते हुआ कहा है कि उनकी 51 वर्षीय शिरीन अबू अकलेह को इजरायली सैनिकों द्वारा “जानबूझकर” गोली मार दी गई है, जिसकी वजह से उसकी जान चली गई, वहीं एक अन्य पत्रकार गोली लगने से घायल हो गया।
उधर, इजरायली सेना ने इस बात से इनकार किया कि उसकी सेना ने पत्रकारों को निशाना बनाया और यह आरोप फिलिस्तीनी बंदूकधारियों के मत्थे मढ़ दिया है। लेकिन उधर अल-जजीरा और फिलिस्तीनी गवाहों के अनुसार, अकलेह की जान इजराइली सेना द्वारा ही ली गई है।
इस हादसा तब हुआ, जब अनुभवी अल जजीरा पत्रकार शिरीन अबू अक्लेह बुधवार को वेस्ट बैंक के कब्जे वाले जेनिन शरणार्थी शिविर की ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग कर रही थी।
आपको बता दे, शेरीन अबू अकलेह अल जजीरा की अरबी समाचार सेवा में एक प्रमुख रिपोर्टर थी, जो 15 वर्षों से इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष को कवर कर रहे थे।
इजरायली सेना ने पुष्टि की कि उसने बुधवार सुबह जेनिन शरणार्थी शिविर में एक अभियान चलाया था, लेकिन इस दौरान उसने जानबूझकर एक पत्रकार को निशाना नहीं बनाया हैं।
एक सैन्य अधिकारी ने एएफपी को बताया, “सेना पत्रकारों को कभी निशाना नहीं बनाती है।”
उधर, अल जजीरा ने इजराइली सेना पर आरोप लगाते हुए एक बयान में कहा, “एक प्रबल हत्या में, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का उल्लंघन करते हुए, इजरायल के कब्जे वाले बलों ने फिलिस्तीन में अल जजीरा के संवाददाता की हत्या कर दी।”
हाल के हफ्तों में इजरायली अरब और फिलीस्तीनियों द्वारा इजरायल में किए गए हमलों में 17 इजरायल और दो यूक्रेनियन नागरिक मारे गए थे। जिसके बाद इजरायली सेना ने वेस्ट में जेनिन शरणार्थी शिविर में एक अभियान चलाया, जहां हमलों को अंजाम देने वाले हमलावरों और नागरिकों सहित कुल 26 लोग अपनी जान गंवा चुके है। इजरायल का अभियान जेनिन जिले में केंद्रित हैं, जहां से इजरायल पर हमले करने वाले चार फिलिस्तीनी आए थे।