लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट। रिटायर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने वाली रेप पीडिता को आत्महत्या के लिए उकसाने को लेकर मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है। अमिताभ ठाकुर को फिलहाल आईजी रूल्स एंड मैनुअल के पद से गत 23 मार्च को जबरन रिटायर किया गया था। अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस हैं।
बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगानी वाली लड़की और गवाह की मौत के मामले में एसआईटी की रिपोर्ट पर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। अमिताभ ठाकुर पर रेप के आरोपी बसपा सांसद अतुल राय का सहयोग करने का आरोप है। दुष्कर्म पीड़िता और उसके दोस्त मुकदमें के गवाह सत्यम राय ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर 16 अगस्त को वीडियो बनाया। जिसमें अमिताभ ठाकुर पर आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों ने आत्मदाह करने की कोशिश की। गंभीर हालत में अस्पताल में दोनों को भर्ती कराया गया। जहां 21 अगस्त को गवाह सत्यम राय और 25 अगस्त को दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई।
जानकारी के लिए बता दें कि बलात्कार की पीड़िता ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था। 24 अगस्त को पीड़िता की मौत हो गई। इस मामले में बीएसपी सांसद अतुल राय पर आरोप लगाए गए हैं। पीड़िता ने आत्महत्या से पहले जिन अधिकारियों पर आरोप लगाए थे, उनमें अमिताभ ठाकुर भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि अमिताभ ठाकुर को एसआईटी जांच की रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। रेप पीड़िता ने मुख्तार अंसारी के कहने पर रेप के आरोपी अतुल राय को बचाने के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था।
गिरफ़्तारी के बाद अमिताभ को हजरतगंज कोतवाली में रखा गया है। अमिताभ ठाकुर को इसके पहले विधानसभा चुनाव जनसंपर्क के लिए गोरखपुर जाने से पुलिस ने रोका था और नजरबंद किया गया था। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मेरे अयोध्या गोरखपुर यात्रा के निकट आते व नयी राजनैतिक पार्टी की घोषणा करते ही फिर नज़रबंद कर दिया गया। अजीबोगरीब स्थिति ! मानो कानून का नहीं व्यक्ति विशेष का राज हो! इतना डर क्यों सरकार? इससे पहले 21 अगस्त को पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को नजरबंद कर दिया था। वहीं अमिताभ की पत्नी नूतन ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण तथा असंवैधानिक बताया है।