पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने बागियों पर साधा निशाना, उपचुनाव से पहले कहीं यह बड़ी बात

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश(madhyapradesh) में एक बार फिर से चुनावी बिगुल बज गया है। 3 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले नेताओं के बीच में आरोप-प्रत्यारोप आम हो गई है। एक तरफ जहां बीजेपी(bjp) जनसंवाद को महत्व देने के साथ-साथ बड़ी घोषणा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस(congress) का कहना है कि यह चुनाव 15 महीने की सरकार बनाम 15 साल की सरकार के बीच है। इसी बीच प्रदेश में सरकार गठन को लेकर पूर्व मंत्री और जीतू पटवारी(jitu patwari) ने बड़ा दावा किया है। जीतू पटवारी ने कहा है कि 10 नवंबर को एक बार फिर कमलनाथ(kamalnath) के नेतृत्व में प्रदेश में जन हितैषी सरकार बनेगी।

दरअसल एक के बाद एक ट्वीट करते हुए पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। पटवारी ने कहा है कि जिस ने लोकतंत्र की हत्या की, किसानों के कर्ज माफी को रोकने में जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रदेश को जिन्होंने कोरोना में झोंक दिया। ऐसे लोगों को 3 नवंबर को प्रदेश की जनता सबक सिखाएगी। जीतू पटवारी ने कहा कि कई घरों से रोशनी छीन ली गई। अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण को रोक दिया गया। इसके साथ ही लोकतंत्र की हत्या करते हुए दलबदल सौदेबाजी को चुना गया। विपक्ष द्वारा किए गए यह कार्य असंवैधानिक है। जिस पर प्रदेश में होने वाले 3 नवंबर के उपचुनाव में जनता मुहर लगाएगी।

इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में पटवारी ने मध्यप्रदेश में कोरोना की स्थिति पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा है कि पिछले 20 दिनों में प्रदेश में 15 से से अधिक लोगों की मौत हुई है और 500 के लगभग संक्रमित मामले हर दिन सामने आ रहे हैं। वही जीतू पटवारी ने इसके लिए शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और इसके साथ ही साथ कांग्रेस से बागी हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री पर भी इसका ठीकरा फोड़ा है। पटवारी ने सीधे तौर पर जनता से अपील की है कि वह ऐसे नेता को न चुने जो बागी हो जाए।

बता दे कि मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। जहां 3 सितंबर को मतदान किया जाएगा वहीं 10 नवंबर को बिहार चुनाव के साथ ही मध्य प्रदेश उप चुनाव के परिणामों की भी घोषणा की जाएगी। जिसके बाद से सियासत एक बार फिर से तेज हो गई है। वहीं विपक्ष उपचुनाव में किसान, बिजली और अतिथि विद्वान नियमितीकरण के जरिए शिवराज सरकार को घेरने की तैयारी में है। अब ऐसे में एमपी उपचुनाव में 10 नवंबर को आने वाला परिणाम किसका राज्याभिषेक करता है। यह देखना दिलचस्प होगा।


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