इंदौर, आकाश धोलपुरे
5 वर्ष पहले दिवंगत तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों पाकिस्तान से भारत लाई गीता के परिजनों की तलाश अब तक पूरी नही हुई है। जाहिर केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद आज तक गीता के परिजन उसे नही मिले है। हालांकि इंदौर में रह रही गीता को अपना बताने के दावे तो कई बार कई दम्पत्तियों और परिवारों ने किए लेकिन गीता के असली परिजनों का पता आज तक नही चल पाया है। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चाहती थी कि गीता को उसके परिजन जल्दी मिले ताकि वो सामान्य जिंदगी में लौट सके लेकिन आज तक ऐसा नही हो पाया है।
हालांकि अब इंदौर पुलिस को थ्योरी के जरिये ये बात पता चली है कि गीता या तो तेलंगाना राज्य के उत्तरी हिस्से या फिर छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्से से ताल्लुक रखती है लिहाजा, इंदौर पुलिस ने अब इस दिशा में अपने कदम बढ़ाना शुरू कर दिए है। दरअसल, लंबे समय बाद गीता के परिजनों की चर्चा इसलिए भी शुरू हो गई है क्योंकि जुलाई माह की 20 तारीख को गीता ने अपना ठिकाना बदल लिया है और पाकिस्तान से लौटी गीता पिछले पांच वर्षों से इंदौर के स्कीम नम्बर 71 स्थित मूक बधिर संगठन में रह रही थी लेकिन जुलाई माह में गीता को इंदौर के विजय नगर स्थित आनंद सर्विस सोसाइटी में अपना ठिकाना मिल गया है। गीता यहां बेहद खुश भी दिखाई दे रही है और वो रूटीन एक्टिविटी के साथ ही हर पल कुछ नया सीखने का प्रयास कर रही है। बता दे कि गीता को सरहद के पार से हिंदुस्तान लौटाने में आनंद सर्विस सोसायटी का अहम योगदान रहा है। अब यहां गीता को उसके परिजनों तक पहुंचाने के लिए फ़िल्म, गीत संगीत और विशेष व्यंजनों का सहारा लिया जा रहा ताकि वो अपने परिवार तक पहुंच सकें।
गीता मामले में जो नई थ्योरी सामने आई है उसके अनुसार गीता या तो तेलंगाना या फिर छत्तीसगढ़ की निवासी है। इंदौर डीआईजी हरिनारायणचारि मिश्र ने बताया कि पाकिस्तान से लौटी गीता के परिजनों की तलाश तेलंगाना के उत्तरी इलाके और छत्तीसगढ़ के दक्षिणी इलाके में की जा रही है और इंदौर पुलिस ने सम्भावित स्थानों की पुलिस से संपर्क साध रही है।इंदौर डीआईजी हरिनारायणचारि मिश्रा के मुताबिक गीता की काउंसलिंग के दौरान जो बातें सामने आई है वो बड़ी स्पष्ट है। काउंसलिंग के बाद इंदौर पुलिस को गीता की जैसे कि संस्कृति, संगीत और खान पान के बारे में पता चला है। इंदौर डीआईजी हरिनारायणचारि मिश्रा की माने तो गीता की काउंसलिंग के दौरान उन बातों से निष्कर्ष निकाला गया है जिसकी जानकारी एक बिना पढ़े लिखे व्यक्ति को भी होती है।
अब तक जो जानकारी मिली है वो इस बात की ओर इंगित करती है और बच्चे जिस परिवेश में रहते है उस हिसाब से गीता रिएक्ट कर रही है। गीता ने तेलगु मूवी को भी पहचाना है वही खान – पान और रीति रिवाजों के मामले में दक्षिणी छत्तीसगढ़ से लगे इलाके सुकमा और बस्तर जिले से अवगत होना बीबी गीता ने इशारों में बताया है। अब पुलिस उन क्षेत्रों के लोगो पर स्थानीय पुलिस से संपर्क कर कोशिश करेगी कि गीता के परिजन उसको जल्दी मिल जाये। बता दे कि गीता का हाल ही बैंक अकाउंट भी खुल गया है जिसे लेकर वो काफी खुश है हालांकि बीच मे गीता ने शादी की इच्छा जताई थी लेकिन बाद में गीता ने शादी से इंकार कर दिया था लिहाजा, अब इंदौर पुलिस उसके परिजनों तक उसे पहुंचाने की कोशिश में एक बार फिर से जुट गई है।