प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी प्रोफेसर वांग ज़िचेंग को एक खास लेटर लिखकर उनकी जमकर तारीफ की है। वांग ने योगा को चीन में पॉपुलर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन कौन हैं ये प्रोफेसर, और क्या है उनकी कहानी? चलो, इस दिलचस्प बात को जानते हैं।
वांग ज़िचेंग झेजियांग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और योगा लाइब्रेरी सीरीज़ के चीफ एडिटर भी। उन्होंने भगवद गीता और पतंजलि के योग सूत्र का चीनी भाषा में अनुवाद किया, जिसके बाद 100 से ज़्यादा वर्चुअल लेक्चर्स हुए। 10 अप्रैल 2025 को शंघाई में भारत के कॉन्सुल जनरल प्रतीक माथुर ने उन्हें PM का लेटर सौंपा।

योगा और इंडियन कल्चर को चीन में घर-घर तक पहुंचाया
वांग ने योगा लाइब्रेरी सीरीज़ के ज़रिए चीन में योगा को घर-घर तक पहुंचाया। 2016 में G20 समिट के दौरान हांगझू में उन्होंने PM मोदी को भगवद गीता का चीनी अनुवाद गिफ्ट किया था। उनके प्रयासों से शंघाई में 10वें इंटरनेशनल योगा डे की तैयारियां जोरों पर हैं। वांग ने भारतीय संस्कृति को चीनी लोगों के बीच फैलाने में बड़ा रोल निभाया है।
मोद का वांग ज़िचेंग को लेटर, भारत-चीन रिश्तों को कैसे मिलेगा बढ़ावा?
PM का लेटर वांग के लिए सम्मान का प्रतीक है, जिसमें उनके योगा और सांस्कृतिक योगदान को सराहा गया। कॉन्सुल जनरल प्रतीक माथुर ने कहा कि योगा दोनों देशों को जोड़ने का मज़बूत ज़रिया है। इस पहल से भारत-चीन के बीच सांस्कृतिक रिश्ते और मज़बूत होंगे। भविष्य में शंघाई में होने वाले योगा इवेंट्स इस दोस्ती को नई ऊंचाई देंगे।