ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की दूसरी लहर ने जिस तरह से भय और तनाव का माहौल बनाया उसने देश प्रदेश के साथ ग्वालियर (Gwalior) के लोगों ने भी बहुत नजदीक से देखा है। एक समय हालत ये हो गए थे कि एक हाथ दूसरे हाथ को छूना तो दूर उसकी तरफ देखना भी नहीं चाहता था अर्थात लोग इतने भयभीत हो गए थे कि अपनों को नजर भर देखने से भी डरने लगे थे। लेकिन सरकार और समाज की सहभागिता, सहयोग और अपनेपन के अहसास ने इस कठिन और बुरे समय पर विजय पा ली और अब हालात बदल चुके हैं। इस सबके बीच ग्वालियर (Gwalior) जिले के लिए और भी ख़ुशी की बात ये है कि जिले की मुरार जनपद पंचायत यानि विकासखंड मुरार अब कोरोना मुक्त (Corona Free) हो गया है।
ग्वालियर (Gwalior) जिले की जनपद पंचायत मुरार यानि विकासखण्ड मुरार पूरी तरह कोरोना मुक्त (Corona Free) हो चुका है। इस विकासखण्ड के अब किसी भी गांव में कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं है (Corona Free)। इसकी वजह है जनपद पंचायत मुरार में पदस्थ विभिन्न विभागों के कर्तव्यनिष्ठ शासकीय सेवक। जिन्होंने सूझबूझ व कड़ी मेहनत और आम जनता के सहयोग से ये सफलता अर्जित की है।
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जनपद पंचायत मुरार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजीव मिश्रा (CEO Rajeev Mishra) ने बताया कि कोरोना (Corona) की दूसरी लहर में मुरार विकासखण्ड में पहला केस एक अप्रैल को मिला था। इसके बाद धीरे-धीरे कोरोना की रफ्तार बढ़ती गई और कई ग्रामीण कोरोना वायरस से संक्रमित हुए। उन्होंने बताया कि विकासखण्ड के ग्राम सियावरी में एक ही दिन में कोरोना के 27 ग्रामीण संक्रमित पाए गए थे। विकासखण्ड में कुल मिलाकर संक्रमितों की अधिकतम संख्या 185 तक पहुँची। इससे सम्पूर्ण विकासखण्ड में चिंता की लहर दौड़ गई।
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मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजीव मिश्रा (CEO Rajeev Mishra) बताते हैं कि दूसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) की पहल पर मुरार विकासखण्ड के गांव गांव में भी क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप का गठन हुआ। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के सुझाव सुने और कोरोना से निपटने के उपाय भी बताए, इसका व्यापक असर हुआ। साथ ही जिले के कोविड प्रभारी एवं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने लगातार चार दिन तक जब गूगल मीट के जरिए विकासखण्ड की सभी 60 ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों-अधिकारियों व ग्रामीणों से चर्चा की और एकजुट होकर कोरोना से लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। इससे ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता आई और ग्रामीणजन कोरोना को लेकर सजग हो गए। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh) के नेतृत्व में कोरोना (Corona) से निपटने के लिये बनी रणनीति को प्रभावी ढंग से मूर्तरूप दिया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी किशोर कान्याल (CEO Zila Panchayat Kishore Kanyal) ने इस पर लगातार नजर रखी और प्रतिदिन की गई कार्रवाई की जानकारी भी ली।
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कोरोना के मरीज बढ़े तो गांवों में बैरीकेटिंग कराकर बाहरी व्यक्ति के प्रवेश को पूर्णत: रोक दिया गया। चौपालों पर बैठकें बंद कर दी गईं। युवाओं ने घूमना बंद कर दिया। विवाह समारोह भी थम गए। स्वछंद विचरण करने वाले ग्रामीणों ने अपने चेहरे मास्क से ढक लिए। प्रयास ऐसे हुए कि गांव की गलियाँ सूनी दिखने लगीं। जाहिर है इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए और 11 जून को वह सुखद घड़ी आ गई कि मुरार विकासखण्ड के किसी भी गांव में कोई भी संक्रमित नहीं रहा। अर्थात मुरार विकासखण्ड के सभी गांव अब पूर्णत: कोरोना मुक्त (Corona Free) हो गए हैं। साथ ही कोरोना की तीसरी लहर आने की नौबत न आए इसको लेकर सजग भी हैं।