भोपाल।
कोरोना संक्रमण के बीच इंदौर में स्वास्थ्य विभाग के आदेश को लेकर सवाल उठ रहे है। मध्यप्रदेश संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सीएम(CM) से संज्ञान लेने की मांग की है। संघ का आरोप है कि इंदौर जिले में कोविड – 19(covid19) के नियंत्रण को लेकर लगाई जा रही ड्यूटी में संविदा और नियमित कर्मचारियों से भेदभाव किया जा रहा है। संघ की माने तो इंदौर जिले में 17 अन्य जिलों(districts) के कार्यरत संविदा एएनएम/महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है वही 17 जिलों की कोई भी नियमित कर्मचारियों की ड्यूटी इंदौर में कोरोना की रोकथाम में नही लगाई है। जिसके चलते अब संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश द्वारा की जा रही है।
17 अन्य जिलों में कार्यरत सिर्फ संविदा एएनएम(anm)/महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की इंदौर में ड्यूटी लगाई गई। शासन ने किसी भी रेगुलर एएनएम की ड्यूटी नही लगाई जबकि नियमित एएनएम को संविदा एएनएम से 3 गुना ज्यादा वेतन,अनुकम्पा,पेंशन व अन्य सुविधाएं, संविदा एएनएम को महज 12000/- प्रति माह मिलते हैं। संविदा और नियमित कर्मचारियों के बीच बहुत पहले से सरकार भेदभाव कर रही और अब कोरोना की ड्यूटी लगाने में भी नियमित को छोड़कर महज संविदा एएनएम की ड्यूटी लगाई। इसके पूर्व अन्य जिलों के चिकित्सकों व अन्य स्टाफ की ड्यूटी लगाने हेतु स्वेक्षा से आवेदन मांगे गए थे। लेकिन एएनएम के लिए शासन ने कोई सहमति पत्र तक लेना उचित नहीं समझा या तो शासन स्वयं मान रही है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी ही कोरोना योद्धा बनकर काम कर रहे हैं। नियमित के कर्मचारी उतनी जिम्मेदार नहीं तभी शायद 17 जिलों से एक भी नियमित एएनएम की ड्यूटी नही लगाई गई।
कोरोना(corona) संक्रमण के खतरे को देखते हुए संघ ने मुख्यमंत्रीchiefminister) व विभागीय अधिकारियों से कई बार मांग की है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी नियमित कर दे ताकि उन्हें भी नियमित कर्मचारियों की भांति सम्मान जनक वेतन व शासकीय सुविधाएं मिल सके और संक्रमण पश्चात उन पर आश्रित परिवार को अनुकम्पा,पेंशन की पात्रता हो। प्रदेश भर के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में शासन द्वारा किये जा रहे सौतेले रवैये से आक्रोश और निराशा व्याप्त है। सरकार(governmenT) ने अभी तक इसपर कोई ध्यान नहीं दिया । जनहित देशहित को सर्वोपरि मानते हुए 19000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी इस समय कोरोना योद्धा बनकर कोरोना से सीधी लड़ाई कर रहे हैं। सरकार तत्काल संज्ञान ले और संविदा स्वास्थ्य अमले को भी नियमित करे ताकि चिंतामुक्त होकर पूरे मनोयोग से वो जनसेवा कर सकें।