मध्य प्रदेश में जारी डॉक्टरों की हड़ताल के मामले में आज जबलपुर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों और उनके संगठनों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि पहले वे अपनी हड़ताल समाप्त करें, तभी उनकी शिकायतों पर सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 अगस्त की तारीख़ तय की है।
पहले हड़ताल खत्म करें
हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि हड़ताल का तरीका बिल्कुल गलत है और इससे मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोर्ट ने डॉक्टरों को निर्देश दिया कि वे तुरंत अपनी हड़ताल समाप्त करें और इसके बाद ही उनकी शिकायतों को सुना जाएगा। अदालत ने डॉक्टरों से कहा, “पहले हड़ताल करें खत्म, फिर लेकर आएं अपनी शिकायतें।”
अगली सुनवाई 20 अगस्त को
हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 अगस्त की तारीख तय की है। कोर्ट ने कहा कि यदि डॉक्टर हड़ताल खत्म कर देते हैं, तो उनकी समस्याओं और मांगों को लेकर 20 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। इसके बाद ही अदालत इस मामले में आगे कोई निर्णय लेगी।
हड़ताल का मुख्य कारण:
बता दें कि इस हड़ताल का प्रमुख कारण पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स घटना है। कुछ दिन पहले, कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे देश में चिकित्सा समुदाय को गहराई से झकझोर दिया है। इस घटना के विरोध में मध्य प्रदेश के डॉक्टरों ने हड़ताल की घोषणा की है। जूनियर डॉक्टरों की इस हड़ताल को राज्य के निजी अस्पतालों का भी समर्थन प्राप्त हुआ है, जिन्होंने अपनी ओपीडी सेवाओं को बंद कर दिया है।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से डॉक्टरों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द अपने काम पर लौट आएं, ताकि मरीजों को असुविधा का सामना न करना पड़े। अदालत ने यह भी कहा कि हड़ताल का यह तरीका गलत है और इससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ सकती है। अगली सुनवाई में अदालत द्वारा डॉक्टरों और सरकार के बीच इस मामले को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।