कटक, डेस्क रिपोर्ट। राज्य सरकार (state government) ने एक बार फिर से कर्मचारियों (employees)-Pensioners को बड़ी राहत दी है दरअसल जूनियर लेक्चर (junior lecturer) को राहत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पूर्व कर्मचारियों के लिए संशोधित नियम को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। पूर्व कर्मचारियों को OCS पेंशन 1992 का लाभ दिया जाए क्योंकि वह इसके लिए पात्र है और उन्हें सभी लाभ मिलना चाहिए।
उड़ीसा उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि 2005 में उड़ीसा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1992 में लाए गए संशोधनों का पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं हो सकता है। न्यायमूर्ति एस के पाणिग्रही की एकल पीठ ने कहा यह स्पष्ट है कि मूल अधिकारों से संबंधित क़ानून या नियम प्रथम दृष्टया / आम तौर पर परिप्रेक्ष्य हैं, जब तक कि यह स्पष्ट रूप से या पूर्वव्यापी संचालन के लिए आवश्यक निहितार्थ नहीं है।
ओडिशा शिक्षा सेवा (ओईएस) के कक्षा- II में विभिन्न जिलों के कनिष्ठ व्याख्याताओं द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच पर फैसला आया, जो सेवा में जारी थे। संशोधित ओडिशा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1992 को 17 सितंबर , 2005.को अधिसूचित किया गया था।
संशोधित नियमों के अनुसार, 1 जनवरी, 2005 से ओडिशा सरकार के तहत नियुक्त सभी व्यक्ति (ओसीएस पेंशन) नियम, 1992 के तहत परिभाषित पेंशन के लिए पात्र नहीं होंगे। याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ (ओसीएस पेंशन) नियम, 1992 के तहत उनका नामांकन नहीं करने के खिलाफ हस्तक्षेप की मांग की। हालांकि उनका चयन नई पेंशन योजना के शुरू होने से पहले हुआ था।
HC ने माना कि संशोधित नियम याचिकाकर्ताओं पर लागू नहीं होंगे और वे पूर्व के =नियमों द्वारा शासित होंगे क्योंकि यह उनके सेवा में शामिल होने की तारीख को मौजूद था। पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता पुराने उड़ीसा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1992 के प्रावधानों द्वारा शासित होंगे क्योंकि यह उसी में लाए गए। इनकी नियुक्ति संशोधनों से पहले था और उन सभी लाभों के हकदार होंगे, जो पूर्व में इसके तहत प्रदान किए गए थे।