CGHS योजना में कैशलैस इलाज नहीं देने पर हाई कोर्ट का कड़ा रुख, डायरेक्टर को कड़े निर्देश

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार।  जबलपुर में निजी अस्पतालों के द्वारा सीजीएचएस CGHS (Central Government Health Scheme ) योजना के तहत कैशलेस इलाज ना देने के मामले में सोमवार को जबलपुर हाई कोर्ट (Jabalpur HC) ने बड़ा फैसला दिया है, मामले में जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा है कि, इस पर कड़ाई से कार्रवाई होना चाहिए।  हाई कोर्ट ने सीजीएचएस डायरेक्टर दिल्ली (CGHS Director Delhi) को यह आदेश जारी करते हुए कहा है कि मामले में सीजीएचएस एडिशनल डायरेक्टर (CGHS Additional Director Delhi) की भूमिका संदिग्ध है लिहाजा इस दिशा में भी कार्रवाई करने की जरूरत है।

दरअसल जबलपुर में कई CGHS कार्ड धारियों ने शिकायत की है कि उनका निजी अस्पताल कैशलेस इलाज करने से मना कर रहे हैं जिसके बाद जबलपुर के सिटिज़न वैलफेयर फोरम ने हाई कोर्ट में ये याचिका दायर की थी।  याचिका में कहा गया था कि जबलपुर के सिटी अस्पताल  और मेट्रो हॉस्पिटल सहित कई नामी अस्पताल केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीजीएचएस (CGHS) योजना के तहत कैशलैस इलाज नहीं दे रहे हैं।

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याचिका में सीजीएचएस (CGHS) लाभार्थी कोरोना मरीजों से की गई कैश वसूली के सुबूत भी पेश किए गए थे साथ ही याचिका में आरोप लगाया गया है कि निजी अस्पतालों की शिकायतें करने के बावजूद जबलपुर में पदस्थ सीजीएचएस (CGHS) के एडीशनल डायरेक्टर ने कोई सख्त कार्यवाई नहीं की बल्कि उन्होंने अपने आदेशों से निजी अस्पताल संचालकों का बचाव ही किया।

याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद आज सोमवार कोक  हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और कहा है कि पिछले लंबे समय से देखने में आ रहा है कि जबलपुर जिले में कई निजी अस्पताल सीजीएचएस (CGHS) कार्ड धारियों को इलाज करने के पहले मोटी रकम जमा करने का दबाव बना रहे हैं, खासकर कोरोना काल में शिकायतें और तेजी से बढ़ गई है जिसमें लोगों ने आरोप लगाया है कि कुछ निजी अस्पताल सीजीएचएस (CGHS) कार्ड होने के बावजूद उनसे पैसे जमा कराने के लिए कह रहे हैं।

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लोगों का यह भी आरोप है कि पैसे ना देने पर उनको इलाज करने से मना कर दिया जाता है, केंद्रीय कर्मचारियों को केंद्र सरकार की तरफ से सीजीएचएस (CGHS) कार्ड दिया गया है जिसमें शासन की तरफ से साफ गाइडलाइन है कि CGHS कार्ड धारियों का जिन अस्पतालों के साथ अनुबंध किया गया है,वहां पर बिना पैसे दिए कैशलेस इलाज किया जाएगा, लेकिन पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि निजी अस्पताल सीजीएचएस (CGHS) कार्ड धारियों का इलाज करने से मना कर रहे हैं। उसी मामले में पिछले दिनों हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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