इंदौर। स्पेशल डेस्क रिपोर्ट
वो दबंग भी था वो सभी की पसंद भी था। बदमाशो के लिये वो सिंघम था तो दोस्तो के लिए सच्चा दोस्त भी था। हर मुश्किलों को पार कर इंदौर में मध्यप्रदेश पुलिस(madhyapradesh police) का मान बढ़ाने वाला एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अफसर(officer) आज भले ही दुनिया से दूर चला गया हो लेकिन अपने महकमे और शहर के दिल मे वो हमेशा जिंदा रहेगा। दरअसल, हम बात कर रहे इंदौर के उस कर्मवीर पुलिस योद्धा की जिसने कोरोना को तो हरा दिया था लेकिन विधि के विधान को वो पलट नही सका। हालांकि, कोरोना से इंदौर जाबांज पुलिस अफसर देवेंद्र चंद्रवंशी की कोई व्यक्तिगत जंग नही थी बल्कि वो तो कोरोना को हराने के लिए खुद की जिंदगी ही भूल गए थे। रविवार को रात के एक प्रहर में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया और इसके बाद कोरोना से लड़ने वाले वीर योद्धा को संकटकाल के बीच, बकायदा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई भी दी गई। गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद कर्मवीर देवेंद्र चंद्रवंशी का रामबाग मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया जहां पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के साथ ही महकमे के लोग और उनका परिवार भी मौजूद था। सोशल डिस्टेंसिंग और पीपीई कीट की सुरक्षा में सभी मुक्तिधाम में मौजूद थे। इस दौरान डीआईजी हरिनारायणचारि मिश्र और आई जी विवेक शर्मा ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर जाबांज अफसर की बहादुरी और शहादत को नमन किया।
कोरोना से लड़ते-लड़ते वीर योद्धा देवेंद्र कुमार चंद्रवंशी का निधन हो गया जिसके बाद राजकीय सम्मान के साथ रामबाग मुक्तिधाम पर अंतिम विदाई दी गई।उनके अंतिम संस्कार के मौके पर परिजनों के साथ-साथ पुलिस के आला अफसर भी मौजूद रहे। इस दौरान अंतिम विदाई के पल ऐसे लग रहे थे मानो इंदौर की धड़कन कुछ देर के लिये थम गई हो। इधर, पुलिस परिवार को अपने सबसे कर्मठ साथी को खो देने का गम तो है ही लेकिन अब समूचे पुलिस परिवार ने ठान लिया है कि कोरोना को हराकर ही शहीद अफसर को सच्ची श्रद्धांजलि देंगे।
बता दे कि जूनि इंदौर थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी काफी मिलनसार निरीक्षक के रूप में पहचाने जाते थे, आमजन से उनका काफी नजदीकी रिश्ता हुआ करता था। वो बीते 1 साल से भी ज्यादा समय से जूनी इंदौर थाने का प्रभार संभाले हुए थे। इससे पहले वो द्वारकापुरी थाना प्रभारी भी रह चुके है। 2007 बैच के निरीक्षक देवेंद्र कुमार चंद्रवंशी ने अपने जीवन काल में कई ऐसे कार्य किए है जिसके चलते उन्हें कई दफा सम्मानित भी किया गया है। आर्थिक राजधानी इंदौर में तो आज लोगो ने कोरोना संकट के समय लॉक डाउन का पालन करते हुए बड़ी संख्या में शहीद अफसर को सोशल मीडिया के जरिये श्रद्धांजलि दी। हालांकि इंदौर का ये जाबांज अफसर अब शहर के इतिहास का हिस्सा बन चुका है लेकिन ना सिर्फ उन्हें कोरोना वारियर के रूप में बल्कि एक जिंदादिल अफसर के रूप में भी हमेशा याद किया जायेगा।