मुंबई/ भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 2008 में हुए मालेगांव विस्फोटों (Malegaon Blast) के मामले में सुनवाई कर रही एक विशेष एनआईए अदालत ने भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (BJP MP Pragya Singh Thakur) और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को गुरुवार को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। घटना के एक पीड़ित के परिवार ने मामले में दैनिक आधार पर सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसके बाद अदालत ने यह निर्देश दिया। मामले की जांच राष्ट्रीय जांच अभिकरण (एनआईए) कर रहा है।
सभी गवाहों का पता लगाना बोझिल काम
न्यायमूर्ति पीआर सितरे ने सभी आरोपियों को बृहस्पतिवार को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। रोजाना सुनवाई की याचिका पर विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसल ने कहा कि वे जल्दी से सुनवाई पूरी करने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें गवाहों का पता लगाना है, जो बहुत बोझिल काम है। अदालत ने इस मामले में अक्टूबर 2018 में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ आतंकवाद के मामले में आरोप तय किये थे।
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सुनवाई पूरी करने को कर रही हरसंभव प्रयास
एनआईए ने कहा कि आरोप तय किये जाने के बाद वह मामले में तेजी से सुनवाई पूरी होने के हरसंभव प्रयास कर रही है। उसने कहा कि मामले में 400 गवाहों में से करीब 140 का परीक्षण हो चुका है। जांच एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि मामले में पूर्व में सुनवाई कर रहे न्यायाधीश के सेवानिवृत्त होने और कोविड-19 महामारी की वजह से सुनवाई विलंबित हुई है। मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के पास खड़ी मोटरसाइकिल में लगाये गये विस्फोटक के फट जाने से छह लोगों की मौत हो गयी थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गये थे।