भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| देश भर में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के बीच डॉक्टरों की सलाह पर लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने में जुट गए हैं| इसके लिए ऐसी चीजों को अपने खाने में ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे इम्युनिटी बढे| कोरोना काल में मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) के प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गे (Kadaknath Chicken) की भी मांग (Demand) बढ़ गई है| नॉन वेजिटेरियन खाने का शौक रखने वाले लोग कड़कनाथ को अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं| कड़कनाथ की देश में बढ़ती माँग को देखते हुए राज्य शासन ने इसके उत्पादन और विक्रय को बढ़ाने के लिये विशेष योजना तैयार की है।
सरकार के प्लान से कुक्कुट पालकों की आय में भी इजाफा होगा। कड़कनाथ का शरीर, पंख, पैर, खून, मांस सभी काले रंग का होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ कम वसा, प्रोटीन से भरपूर, हृदय-श्वास ओर एनीमिक रोगी के लिए लाभकारी है। कड़कनाथ पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के अधिकृत विक्रेता चिकन पार्लर पर लोगों के लिये उपलब्ध है।
सामान्य वेल्यू तथा कम दरों पर विक्रय
अपर मुख्य सचिव पशुपालन जे. एन. कंसोटिया ने बताया कि कड़कनाथ कुक्कुट पालन को सहकारिता के माध्यम से बढ़ावा देने के लिये कड़कनाथ के मूल जिलों- झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और धार जिलों की पंजीकृत कड़कनाथ कुक्कुट पालन समितियों के अनुसूचित जनजाति के 300 सदस्यों को एन.एल.आर.एम. में प्रशिक्षण भी दिया गया है। झाबुआ जिले का चयन कड़कनाथ की मूल प्रजाति के लिये प्राप्त जी.आई. टेग के कारण किया गया है। योजना में 33 प्रतिशत महिलाओं को स्थान दिया गया है।
हितग्राहियों को मिलेंगे 28 दिन के चूजे नि:शुल्क
प्रत्येक चयनित हितग्राही को नि:शुल्क 28 दिन के वैक्सीनेटेड 100 चूजे, दवा, दाना-पानी का बरतन और प्रशिक्षण देने के साथ ही उनके निवास पर शेड भी बनाकर दिया जायेगा। राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम पालन-पोषण, प्रशिक्षण, मॉनिटरिंग, दवा प्रदाय और मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।
बता दें कि कड़कनाथ के कई फायदे हैं| इसमें फैट कम होता है. कोलेस्ट्रॉल और आयरन भी अधिक मात्रा में पाया जाता है. कड़कनाथ मुर्गे का चिकन अपने भोजन में शामिल कर लोग अपने शरीर की बीमारी से लड़ने की ताकत को बढ़ा सकते हैं| मार्च के पहले तक सामान्य स्थिति थी। कोरोना काल में लॉक डाउन के बाद अनलॉक में इसकी मांग देश भर में बढ़ गई है।
कड़कनाथ की विशेषताएँ