भोपाल।
विधानसभा स्थगित होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचे। दोनों के बीच काफी देर तक चर्चा हुई। बाहर आते ही नाथ ने मीडिया को बताया कि विधानसभा सत्र को लेकर विधायकों को जानकारी नहीं थी।विश्वास मत हासिल करना औपचारिकता थी जो पूरी करनी थी।मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की है।मुलाकात में भरोसा दिलाया है कि यह सरकार विकास के जो काम करेगी हम उसमें उसके साथ हैं यही हमारा लक्ष्य है।यह दूसरा मौका है जब कमलनाथ शिवराज से मुलाकात की है।
दरअसल, आज प्रदेश की शिवराज सरकार ने सत्ता में आते ही फिर विधानसभा सत्र बुलाया था। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से पेश किए गए विश्वास मत प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही 107 बीजेपी विधायकों और सपा,बसपा, और निर्दलीयों के समर्थन से सरकार ने सदन में बहुमत साबित कर दिया। चौहान ने विशेष सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने के बाद विश्वास मत पेश किया, जिसे आसंदी पर आसीन सभापति जगदीश देवड़ा ने पारित कराने के लिए मतदान की औपचारिकता कराई। सदन में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का एक भी सदस्य मौजूद नहीं था। इस दौरान सपा,बसपा, और निर्दलीयों का भी बीजेपी को पूरा समर्थन मिला।विपक्ष ने इसका विरोध किया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार को इतनी जल्दी किस बात की थी। इसके बाद कमलनाथ शिवराज ने मिलने उनके बंगले पर पहुंचे।