खण्डवा।सुशील विधानी
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) केंद्र सरकार की स्वरोजगार योजना हैं। PMEGP के तहत उद्योग लगाने पर 25 लाख और सेवा क्षेत्र में निवेश करने पर 10 लाख रुपये कर्ज मिलता है। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अगर अपना स्वयं का रोजगार खोलना चाहे तो उसे 35 प्रतिशत का सब्सिडी भी मिलेगी। जिससे की वह छोटा-मोटा अपना स्वयं का व्यवसाय खोलकर आत्मनिर्भर बन सकें।
उक्त जानकारी खादी ग्रामोद्योग आयोग के निर्देशक प्रदिप कुमार ने ओंकारेश्वर खादी आश्रम निरिक्षण के दौरान पत्रकारों को दी गई आपने आगे बताया की पीएमईजीपी योजनान्तर्गत ऑनलाइन आवेदन ही अनुमन्य है तथा कोई भी आवेदक www.kviconline.gov.in की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकता है तथा इस वेबसाइट पर योजना के सम्बन्ध में सम्पूर्ण दिशा-निर्देश एवं विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।
ओंकारेश्वर को आदर्श ग्राम माँडल आयोग की तरफ से स्थापित करना हैं।आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना द्वारा ओंकारेश्वर को गोद लिया गया हैं। आदर्श ग्राम का अर्थ जिस किसी एक ही गांव में कुम्हारी का काम तथा कार पेंटिंग का कार्य खादी से निर्मित वस्त्रों का निर्माण यह सभी एक ही गांव में स्थापित होकर अधिक से अधिक लोगों को आजीविका के नए साधन उपलब्ध करवाना हैं वह लघु एवं सूक्ष्म उद्योग के लिए प्रेरित कर रोजगार उपलब्ध करना हैं। पुनासा एसडीएम डाक्टर ममता खेडे ने ओंकारेश्वर आये खादी ग्रामोद्योग आयोग की टीम से क्षैत्र में प्रशिक्षण शिविर लगाने की बात कहते हुए बताया की ओंकारेश्वर में स्वसहायता समूह की महिलाओं को अगरबत्ती मेकिंग,कडाई-बुनाई सहित अन्य कार्यों में प्रशिक्षित हो सकें इस लिये आयोग की तरफ से प्रशिक्षण हेतु ट्रेनर एवं मशिने उपलब्ध कराई जाए जिससे की क्षैत्र की महिलाएं आत्मनिर्भर बन अपना एवं अपने परिवार का जिवनयापन कर सकें।
खादी आश्रम ओंकारेश्वर की क्षैत्रिय प्रबंधक जया मालाकार ने बताया की PMEGP योजना का पूरा नाम Prime Minister’s Employment Generation Programme है। इसे संछिप्त में PMEGP कहते है। यह योजना “प्रधानमंत्री रोजगार योजना कार्यक्रम” के नाम से भी जानी जाती है।
इसके द्वारा गरीब बेरोजगारों को लोन दिया जाता हैं जिससे वे अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकें। यह लोन 2 क्षेत्रो में दिया जाता है निर्माण क्षेत्र सेक्टर और सेवा सेक्टर। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना है। यह योजना देश में राष्ट्रीय स्तर पर संचालित हो रही हैं।
ओंकारेश्वर पंहुची आयोग की टीम में केवीआईसी के अधिकारीयों के सांथ पुनासा एसडीएम नगर परिषद सीएमओ सहित क्षैत्रिय अधिकारी मौजूद थे।
PMEGP योजना का उद्देश्य
1. इस योजना का उद्देश्य बेरोजगारी को दूर करना है। देश का युवा अपने पैरों पर खड़ा हो सके, वह अपना खुद का उद्योग / धंधा / स्वरोजगार लगा सके और दूसरे लोगों को भी रोजगार दे सके, इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।
2. इस योजना के द्वारा भारत सरकार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना चाहती है।
3. इस योजना का एक मुख्य उद्देश्य पढ़े-लिखे बेरोजगारों को रोजगार देना भी है। आज के समय में स्वरोजगार सबसे बेहतर रोजगार होता है जिसमें ना केवल आपको रोजगार मिलता है बल्कि कई और लोगों को भी काम मिलता है।
4. इस योजना के द्वारा भारत सरकार लघु एवं कुटूर कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना चाहती है। आज गांव के लोग तेजी से शहरों की तरफ नौकरी की तलाश में पलायन कर रहे हैं। इस योजना का लक्ष्य गांव से होने वाले पलायन को रोकना भी है जिससे गांव में ही लोगों को काम करने का अवसर मिल सकें।
5. जब देश से बेरोजगारी दूर होगी तो गरीबी अपने आप समाप्त हो जाएगी और देश खुशहाली के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।
6. इन सारी बातों को ध्यान में रखकर PMEGP योजना बनाई गई। हमारे देश में ऐसे बहुत से युवा हैं जो बहुत प्रतिभाशाली है। वे अपने दम पर उद्योग, धंधे लगा सकते हैं, पर उनके पास पूंजी नहीं है। ऐसे में PMEGP योजना उन्हें लोन देकर मनचाहा स्वरोजगार, उद्योग, धंधे लगाने का अवसर देती है।इस योजना में 10 से 25 लाख तक का लोन ले सकते है।