उपचुनाव के सहारे कांग्रेस में चल रही नेता पुत्रों की लांचिंग-रिलॉन्चिंग : रजनीश अग्रवाल

Pooja Khodani
Published on -
BJP-leader-condemn-congress-government-step--

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश उपचुनाव (MP By-election) में जैसे जैसे तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे वैसे जुबानी जंग तेज होती जा रही है। BJP हो या कांग्रेस दोनों के नेता एक दूसरे पर छिटाकंशी करने से नही चूक रहे है।इतना ही नही  अब तो वार-पलटवार मे परिवारवाद शामिल हो गया है। इसी कड़ी में BJP प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल (Rajneesh Aggarwal) का बड़ा बयान सामने आया है। अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव नेता पुत्रों की लॉचिंग और रीलॉचिंग  (Launching and reloaching) के लिए है।

शिवराज सिंह चौहान बड़ा बयान- यह हमारी साख का उपचुनाव, हर हाल में जीतना

मीडिया से चर्चा के दौरान अग्रवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी में नेता पुत्रों की लांचिंग और रिलॉन्चिंग चल रही है। कांग्रेस (Congress) पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह अच्छे से पता है कि ना उनकी इस चुनाव में जीत होने वाली है और ना ही सरकार आने वाली है। इन उपचुनाव में बुरी तरह हार के बाद कमलनाथ (Kamal nath) जी के पीसीसी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पद छोड़ने के बाद उसको पाने की कवायद है।

अब उपचुनाव की दुंदभी बज चुकी है

BJP प्रदेश प्रवक्ता अग्रवाल ने कहा कि चुनाव से पहले कमलनाथ के बेटे और सांसद नकुलनाथ (Nakul Nath) ने छिंदवाड़ा में पत्रकारों से चर्चा में कहा था कि उपचुनाव में युवाओं में प्रचार की जिम्मेवारी उन्हें पार्टी ने दी है और उनके सहयोगी पूर्व मंत्री जयवर्धनसिंह, उमंग सिंघार (Umang Singhar) और जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) जैसे नेता होंगे। अब चुनाव की दुंदभी बज चुकी है। अभियान चुनाव का शुरू हो चुका है । प्रचार पर नेता निकल चुके हैं लेकिन चुनावी परिदृश्य में नकुलनाथ कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि ऐसी क्या सौदेबाजी या समझौता हुआ है, जिसके चलते नकुलनाथ जनता के बीच नहीं आ रहे हैं और सुना है कि पूर्व मंत्री और दिग्विजय सिंह के  विधायक बेटे जयवर्धन सिंह (Jayawardhan Singh)  सभी विधानसभा क्षेत्रों का सुनियोजित दौरा कर रहे हैं।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News