ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिला प्रशासन ने चार प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सीएमएचओ ने कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने वाले, कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले, रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन प्राइवेट अस्पतालों के पंजीयन निरस्त कर दिये हैं। साथ ही एक डॉक्टर द्वारा नियम विरुद्ध रेमडेसिवीर इंजेक्शन पर्चे पर लिखने पर उसके खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिये है।
ग्वालियर में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों के साथ साथ प्राइवेट अस्पताल भी कर रहे हैं जिला प्रशासन मे उन्हें इसकी अनुमति भी दी है लेकिन साथ में चेतावनी भी दी है कि प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और जिला दंडाधिकारी एवं शासन के आदेशों का पालन करना होगा। लेकिन ग्वालियर में पिछले दिनों देखने में आया कि कुछ अस्पताल मरीजों को बे वजह रेमडेसिवीर इंजेक्शन और आक्सीजन लाने के लिए दबाव बना रहे हैं। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा ने जब शिकायतों की जांच कराई तो लोटस अस्पताल और श्रद्धां नर्सिंग होम के खिलाफ ऐसी शिकायतें सच मिली। लोटस अस्पताल तो आक्सीजन उपलब्ध कराने में भी लापरवाह मिला। जिसके बाद सीएमएचओ ने दोनों के पंजीयन निरस्त कर दिये।
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रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कर रहे थे कालाबाजारी
सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा ने मैक्स केयर मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल का पंजीयन भी निरस्त करने के आदेश दिये है। इस अस्पताल के संचालक ने अपने स्टाफ के साथ मिलकर शासन से मिले रेमडेसिवीर इंजेक्शन को ब्लैक मे ऊँची कीमत पर बेच दिया। इसके अलावा मरीजों को रेमडेसिवीर और आक्सीजन लाने के लिए दबाब बनाया गया। सीएमएचओ ने अपने आदेश में इन तीनों अस्पतालों को अपने यहाँ नये मरीज भर्ती नहीं करने के निर्देश दिये हैं साथ ही ये भी निर्देश दिये हैं कि उनके यहाँ भर्ती कोरोना मरीजों को उचित इलाज कर डिस्चार्य करें अथवा स्थिति ठीक होने के बाद दूसरी जगह रिफर करें।
अधिकार नहीं फिर भी लिख दिया रेमडेसिवीर इंजेक्शन
माँ शीतला मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में पदस्थ दंत रोग विशेषज्ञ डॉ दिव्या रानी शर्मा द्वारा उनके अधिकार नहीं होने के बाद भी मरीज को रेमडेसिवीर इंजेक्शन लिख कर दे दिया। जबकि कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह आदेश दे चुके हैं कि जीवन रक्षक दवा और इंजेक्शन शिड्युल एच में आते है इसे केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिसनर ही लिख सकते हैं। इसकी शिकायत कलेक्टर को व्हिसिल ब्लोअर एवं आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने की थी। शिकायत के बाद सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा ने औषधि नियंत्रक को डॉ दिव्या रानी शर्मा के खिलाफ FIR के निर्देश दिये हैं।