भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| शासकीय सेवा में रहते हुए भारी भ्रष्टाचार कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले धनकुबेर खनिज अधिकारी पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है| लोकायुक्त के छापे (Lokayukt Raid) में आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना (District Mineral Officer Pradeep Khanna) को सरकार (Government) ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) दे दी। खन्ना के खिलाफ 20:50 के फाॅर्मूले के तहत कार्रवाई की गई है|
लोकायुक्त पुलिस ने साल 2020 में सितंबर माह में आय से अधिक संपत्ति मामले में खन्ना के भोपाल और इंदौर स्थित 3 ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापे में खनिज अधिकारी के पास करोड़ों की संपत्ति मिली थी| इसके साथ ही ज्वेलरी, कई वाहन व फ्लेट्स और बँगले के दस्तावेज मिले थे| जिसके बाद लोकायुक्त के प्रतिवेदन के आधार पर विभाग ने छानबीन समिति में खन्ना के प्रकरण पर विचार किया गया था। सेवा अभिलेख का परीक्षण करने के बाद राज्य लोक सेवा आयोग को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने संबंधी प्रस्ताव अभिमत के लिए भेजा था। राज्य लोक सेवा आयोग के आदेश के बाद खनिज साधन विभाग ने अनिवार्य सेवानिवृत्त के आदेश जारी कर दिए।
जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना 32 साल की नौकरी में कई बार सस्पेंड हो चुके हैं। खन्ना के खिलाफ 20:50 के फाॅर्मूले के तहत कार्रवाई की गई है। नियम के तहत उन अफसरों के सर्विस रिकाॅर्ड की जांच की जाती है, जिनकी उम्र 50 से ज्यादा हो गई है या फिर 20 साल की नौकरी पूरी हो गई है। इसी फाॅर्मूले के तहत खनिज विभाग ने खन्ना के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव बना कर जीएडी को भेजा था। सीहोर में पदस्थापना के दौरान लोकायुक्त जांच के आधार पर उनकी वेतन वृद्धि रोकी गई थी। शासन ने उनका तबादला श्योपुर किया था लेकिन उन्होंने वहां पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया था।