भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में उच्च शिक्षा व्यवस्था (Higher education system) को सुदृढ़ करने के लिए बड़ा निर्णय लिया गया है। दरअसल निजी विश्वविद्यालय (private college) को अपने आप पढ़ाने वाले फैकल्टी (faculty) की जानकारी निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग (Private university regulatory commission) को देनी होगी। वही नए शिक्षण सत्र में विश्वविद्यालय इसे पोर्टल पर अपडेट करेंगे।
दरअसल निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग द्वारा निजी विश्वविद्यालय से लागू किया जा रहा है। इस मामले में आयोग का मानना है कि निजी विश्वविद्यालय कई बार फैकेल्टी को फुल टाइम बताते हैं जबकि विश्वविद्यालय में फैकेल्टी पार्ट टाइम पर होते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पर भी असर पड़ता है। वहीं निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा सभी निजी विश्वविद्यालय से संबंध में जानकारी मांगी गई है। विश्वविद्यालय को इस संबंध में पाठ्यक्रमों की विषयवार फैकेल्टी की जानकारी देनी होगी। साथ ही फोटो भी डाउनलोड करने पड़ेंगे।
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इसके अलावा निजी विश्वविद्यालय की फीस भी अब आयोग द्वारा ही तय की जाएगी। निजी विश्वविद्यालय को फैकेल्टी सहित आयोग को कोस्ट टू एजुकेशन (cost to education) की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। जहां बिना लाभ की दृष्टि से संचालित पाठ्यक्रम की जानकारी विश्वविद्यालय नियामक आयोग को बताएंगे।
इस मामले में निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा जांच की जाएगी। विश्वविद्यालय द्वारा संबंधित पाठ्यक्रम के लिए कितनी फीस ली जा रही है। विश्वविद्यालय उस पाठ्यक्रम पर उतनी राशि खर्च कर रहा है अथवा नहीं। माना जा रहा है कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए निजी विश्वविद्यालय पर कुछ अंकुश लगाया जा रहे हैं।