भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) में हजारों स्कूल, 50 से अधिक कॉलेज बंद करने के बाद अब शिवराज सरकार (shivraj government) ने चलित अस्पताल (mobile hospital) को बंद करने का निर्णय लिया है। इसके बाद प्रदेश के 150 आदिवासी ब्लॉक में चल रहे दीनदयाल चलित अस्पताल (Deendayal Mobile Hospital) के संचालन को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। बताया जा रहा कि चलित अस्पताल संचालन में गंभीर अनियमितता पाए जाने के बाद कंपनी पर जुर्माना लगाया गया पर कोई सुधार देखने को नहीं मिला। जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।
दरअसल प्रदेश में 108 एंबुलेंस के अलावा जननी एक्सप्रेस और चलित अस्पताल का संचालन 4 साल से किया जा रहा है। जिसके लिए एक ब्लॉक एक अस्पताल को ध्यान में रखते हुए यह चलित अस्पताल प्रदेश के डेढ़ सौ ब्लॉक में चलाए जा रहे हैं। यह चलित अस्पताल दूरदराज इलाके में जाकर प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराते हैं। जिसके बाद मोबाइल हॉस्पिटल के संचालन में अनियमितता पाई गई इसको लेकर कंपनी पर जुर्माना भी लगाया गया किंतु इसका कोई परिणाम सामने नहीं आया।
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जिसके बाद नेशनल हेल्थ मिशन, मध्य प्रदेश की मिशन संचालक छवि भारद्वाज (chhavi bhardwaj) ने चिकित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड को पत्र लिख चलित अस्पताल को बंद करने की बात कही है। छवि भारद्वाज ने पत्र में लिखा कि राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण के बावजूद मोबाइल हॉस्पिटल के संचालन में अनियमितता पाई जा रही है। जिसके लिए पहले जुर्माने की कार्रवाई भी की गई लेकिन व्यवस्थाओं में कोई खास परिवर्तन देखने को नहीं मिला। जिसके लिए मोबाइल हॉस्पिटल को बंद किया जा रहा है।
बता दे के मोबाइल हॉस्पिटल का एनएचएम (NHM) की टीम द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। जहां चलित अस्पतालों में कई उपकरण व्यवस्थित तरीके से नहीं नजर आए। इनमें कई उपकरण ऐसे थे। जो चालू हालत में नहीं थे। वहीं अन्य मापदंडों के तहत हुई चलित अस्पताल का पालन नहीं किया जा रहा था। इसमें कमी को देखते हुए जेडएचएल पर हर महीने 12 लाख से 20 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा रहा था। जिसके बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर छवि भारद्वाज ने चलित अस्पताल का संचालन बंद करने के आदेश जारी किया।