भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में जल्द गरीबों को गृह प्रवेश करवाया जाएगा। दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister’s Housing Scheme) के तहत 20 लाख 65 हजार आवाज बनकर तैयार हो चुके हैं। जबकि बाकी बचे लगभग 6 लाख लोगों को भी जल्द घर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसकी घोषणा सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने की है।
सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना काल (corona era) की चुनौती सहित मौसम के विपरीत अवस्था में भी गरीबों के लिए घर तैयार किए गए हैं। गरीबों को आवास देने के लिए विभाग ने तत्परता दिखाई और तत्परता से काम करते हुए आवासों का निर्माण किया गया है। जिससे गरीबों का सपना शीघ्र ही साकार होगा।
सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-(ग्रामीण) में वर्तमान में 26 लाख 28 हजार के लक्ष्य के विरुद्ध 20 लाख 65 हजार आवास निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रदेश में कोरोना-काल में भी चुनौतियों से निपटते हुए 3 लाख से अधिक आवास निर्मित किये गये हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक माह की अल्पावधि में लगभग एक लाख आवास बनाकर तैयार कर दिये, वह भी निर्माण कार्यों के लिये विपरीत मौसम में।
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CM Shivraj ने कहा कि आमतौर पर एक आवास के निर्माण का औसत समय लगभग 120 दिन माना जाता है। विभाग द्वारा तत्परता से इतनी बड़ी संख्या में किये गये आवासों के निर्माण से उन गरीबों का सपना शीघ्र साकार होने वाला है जो पीढि़यों से पक्के मकान के लिये तरस रहे थे। प्रदेश में विभाग ने कोरोना-काल में भी चुनौतियों से निपटते हुए 3 लाख से अधिक आवास निर्मित कर उल्लेखनीय कार्य किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में वर्षा-काल में प्रदेश के अधिकांश जिले बाढ़ और अति-वृष्टि से प्रभावित होने के बाद भी एक जुलाई 2021 से 22 सितम्बर 2021 तक सर्वाधिक एक लाख 60 हजार आवास पूर्ण कराये गये है। वर्षाकाल के बावजूद भी विशेष प्रयासों से लगातार राज्य स्तर से पर्यवेक्षण से 15 अगस्त से 15 सितम्बर 2021 तक मात्र एक माह की अवधि में एक लाख 6 हजार आवास बनाने का कमाल कर दिखाया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आगामी दो वर्ष के भीतर सन् 2022 तक देश के सभी आवासहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सबको आवास 2022 का लक्ष्य हासिल करने के लिये मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) लागू की गई है। आवासों के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत मिशन तथा मनरेगा की मजदूरी और अन्य योजनाओं का भी लाभ दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश की 3 पिछड़ी जनजातियाँ सहरिया, बैगा और भारिया को भी विशेष परियोजना के तहत आवास प्रदाय किए गए हैं।
इस महत्वाकांक्षी योजना में अब तक मध्यप्रदेश के लगभग 20 लाख 65 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को अपना घर मिल गया है। यह सभी ऐसे परिवार थे जिनके पास घर नहीं थे अथवा वे कच्चे जीर्ण-शीर्ण घरों में रहते थे। योजना में हितग्राही को मकान की इकाई लागत मैदानी जिलों में एक लाख 20 हजार तथा दूरस्थ पहुँचविहीन दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में एक लाख 30 हजार रूपये शत-प्रतिशत अनुदान के रूप में आवास निर्माण कार्य की प्रगति के आधार पर किश्तों के रूप में दिए जाते हैं। चार किश्तों में आवास सॉफ्ट ऐप के माध्यम से जियो टेग, फोटो अपलोड होने पर स्वमेव राशि हितग्राही के खाते में अंतरित हो जाती है।