भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। Corona की दूसरी लहर में चरमराई आर्थिक अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लाने के लिए शिवराज सरकार (shivraj government) ने केंद्र (central) से बड़ी अपील की है। दरअसल शिवराज सरकार ने केंद्र (central) से इस साल 11 हजार करोड़ रुपए ज्यादा कर्ज लेने की अनुमति मांगी है। संबंधित विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्रदेश की वित्तीय स्थिति में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है जिसके कारण कई योजनाओं के काम अटक सकते हैं। जिस लिए अनुमति मांगी गई है।
बता दें कि Corona कर्फ्यू के कारण अप्रैल और मई महीने में प्रदेश को बंद रखा गया था। जिसके बाद इन दोनों महीनों के बीच राज्य सरकार को 55 फ़ीसदी यानी करीब 4500 करोड़ रुपए की आय से संतुष्ट होना पड़ा जबकि 2 महीने की सामान्य स्थिति में राजस्व आय 10 हजार करोड़ रुपए होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में अब केंद्र सरकार से शिवराज सरकार (shivraj government) ने 11 हजार करोड़ रुपए ज्यादा कर्ज लेने की अनुमति की मांग की है।
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वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में राजस्व कम होने से मेट्रो रेल (metro RAIL) , पीएम आवास योजना (PM Awas Yojna), स्मार्ट सिटी योजना (Smart city yojna) जैसे कई काम अधर में लटक सकते हैं। वही पीडीएस के तहत होने वाली खरीदी के लिए भी शिवराज सरकार को आमदनी की आवश्यकता होगी। वहीं अधिकारियों की माने तो 2 दिन पहले दिल्ली में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से राज्य सरकार की कैश लिमिट में 1% बढ़ोतरी की अनुमति मांगी थी। जिसके बाद राज्य सरकार बाजार से 11 हजार करोड़ रुपए ज्यादा कर्ज उठा सकेगी।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश सरकार इस वर्ष GDP का 4.50 प्रतिशत ही कर्ज उठा सकती है। जिसके बाद मार्केट से शिवराज सरकार कुल 39000 करोड़ रूपए का कर्ज उठा सकती है। कर्ज लेने की लिमिट में 1% की वृद्धि होने की स्थिति में 11000 करोड़ रुपए ज्यादा कर्ज लिया जा सकेगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 मई केंद्र सरकार द्वारा राज्य की कर्ज लेने की लिमिट पांच से घटाकर 4% कर दी गई है।