MP School: स्कूल फीस को लेकर बढ़ा विवाद, मंत्री इंदर सिंह परमार करेंगे स्थिति स्पष्ट!

Kashish Trivedi
Published on -
mp school

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना (corona) के भयानक काल में स्कूलों को बंद किया गया था। जिसके बाद पालकों की मांग पर राज्य शासन और हाईकोर्ट (highcourt) द्वारा निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य मद नहीं लिए जाने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि लॉकडाउन के बाद से ही प्रदेश स्कूल (MP School) और अभिभावकों के बीच स्कूल फीस (school fees) को लेकर विवाद देखने को मिल रहा है। वहीं अब एक बार फिर मध्य प्रदेश पालक महासंघ ने निजी और सीबीएसई स्कूलों (CBSE School) द्वारा अधिक फीस लिए जाने का विरोध शुरू कर दिया है।

निजी और सीबीएसई स्कूलों द्वारा स्कूल फीस बढ़ोतरी के बाद आज शुक्रवार को मध्य प्रदेश पालक महासंघ द्वारा स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (inder singh parmar) के बंगले का घेराव किया जाएगा। इसके लिए बड़ी संख्या में अभिभावक पैदल मार्च कर शांतिपूर्ण यात्रा निकालेंगे। इतना ही नहीं महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा (kamal vishwakarma) ने कहा कि ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों को जोड़कर निजी स्कूल अभिभावकों से फीस वसूली कर रहे हैं। जिसके लिए स्कूल शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा और साथ ही साथ उन्हें अपनी परेशानियां बताई जाएगी।

पालक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा ने कहा कि निजी स्कूल द्वारा लगातार राज्य सरकार और उच्च न्यायालय की गाइडलाइन (guideline) और आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। सीबीएसई और निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा लेट फीस जोड़कर स्कूल स्कूल फीस की वसूली कर रहे हैं।

Read More: Suspend: DEO का एक्शन, शिक्षक को तत्काल प्रभाव से किया निलंबित

ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में कोरोना से बंद पड़े स्कूलों को खोल दिया गया है। 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित संचालित की जा रही है वहीं 1 से 8वीं तक की कक्षा इस सत्र के लिए बंद की गई हैं। इससे पहले राज्य शासन और उच्च न्यायालय द्वारा निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस की वसूली के निर्देश दिए गए हैं। वहीं निजी स्कूल का कहना है कि स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस की वसूली कर रहे हैं जबकि अभिभावक संघ का कहना है कि स्कूल ट्यूशन फीस में लेट फीस को जोड़ कर वसूली कर रहे हैं। जिसके खिलाफ आज पैदल मार्च निकाला जा रहा है।

गौरतलब है कि नए सत्र के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल से संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसके मुताबिक निजी स्कूल अपनी मर्जी से सिर्फ 10 फीसद की फीस बढ़ा सकेंगे 10 फीसद से अधिक फीस बढ़ाने के लिए जिला समिति की मंजूरी लेनी पड़ेगी। इसके साथ ही साथ निजी स्कूल 15 फ़ीसदी अधिक फीस बनाने की बात करते हैं तो उन्हें इसका कारण बताना होगा। वही इस सत्र की केवल ट्यूशन फीस की वसूली निजी स्कूल अभिभावकों से कर सकेंगे।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News