भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में शासकीय (government) और निजी स्कूल (private school) मनमानी फीस वसूली को लेकर आज विधानसभा में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (indar singh parmar) ने बड़ा बयान दिया। दरअसल एक सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश में चाहे निजी स्कूल हो या शासकीय स्कूल। सभी को कोरोना काल के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस (tuition fees) लेने की अनुमति है।
सवाल के जवाब देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि सभी निजी सीबीएसई (CBSE) और माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) से अधिमान्य स्कूल को कोरोना काल के दौरान सिर्फ बच्चों की ट्यूशन फीस वसूलने की इजाजत दी गई है। इस संबंध में आज सभी जिला कलेक्टरों (Collectors) को निर्देश जारी किया है। साथ ही मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि यदि कोई स्कूल इन निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उस स्कूल की अधिमान्यता को समाप्त कर दिया जाएगा।
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बता दें कि इससे पहले बीजेपी विधायक बहादुर सिंह चौहान (BJP MLA Bahadur Singh Chauhan) द्वारा धार के स्कूल का मामला सदन में उठाया गया था। जिसमें कई कांग्रेस और बीजेपी विधायकों ने आरोप लगाया कि कई स्कूल बच्चों से फीस के साथ अन्य मद और या फिर पूरी फीस की वसूली कर रहे हैं। यदि अभिभावक फीस जमा नहीं कर रहे तो बच्चों को परीक्षा एवं ऑनलाइन कक्षा (online class) से वंचित किया जा रहा है।
गौरतलब हो कि मध्य प्रदेश में कोरोना काल के दौरान लगातार निजी और सीबीएसई स्कूल द्वारा बच्चों पर फीस का दबाव बनाया जा रहा था जिसके बाद राज्य शासन से होते हुए यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। वही हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि कोरोना काल के दौरान स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस की वसूली कर सकेंगे। इसके अलावा किसी अन्य मद की वसूली करते यदि कोई स्कूल जांच की कार्यवाही के दौरान पकड़ में आता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अब इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी सदन में जवाब देकर स्कूलों को निर्देश दे दिए हैं। ज्ञात हो कि कल विधानसभा में मप्र का बजट पेश किया जाएगा। इसके लिए आज सोमवार को सरकार मध्य प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण विधानसभा सदस्यों को वितरित करेगी।