MPPEB Scam: इस परीक्षा को लेकर बढ़ा विवाद, सीएम शिवराज ने दिए जांच के आदेश

Kashish Trivedi
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MPPEB recruitment

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड (MPPEB) द्वारा आयोजित की गई एक और परीक्षा (exam) विवाद का विषय बन गई है। एक तरफ उम्मीदवारों द्वारा जहां परीक्षा को लेकर खुले आरोप लगाए जा रहे हैं। वहीं इसके पीछे का तर्क कहीं ना कहीं उस आरोप को साबित भी कर रहा है। कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा में इतनी बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान shivraj singh chauhan) ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।

दरअसल प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड (PEB) ने 10 और 11 फरवरी 2021 को कृषि विकास अधिकारी (Agricultural development officer) की परीक्षा आयोजित की थी। जिसके लिए 17 फरवरी को आंसर की (answer key)  रिलीज किए गए थे और इसके साथ ही संभावित सफल उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी थी। जिसके बाद से ही ये परीक्षा विवाद का विषय बन गई है।

दरअसल प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड द्वारा ली गई कृषि विकास अधिकारी परीक्षा के जनरल नॉलेज पेपर (General Knowledge Paper) में सभी 10 छात्रों को एक जैसे अंक मिले हैं। इतना ही नहीं टॉप टेन में से 9 लोग एक ही कॉलेज, एक जाति और एक ही इलाके के रहने वाले हैं। टॉपर्स ने गलतियां भी एक जैसी की। सभी का ताल्लुक चंबल क्षेत्र से है। जिसके बाद से कृषि विकास अधिकारी परीक्षा के उम्मीदवारों ने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड पर घोटाले का आरोप लगाया है।

उम्मीदवारों का यह भी कहना है कि परीक्षा में शामिल होने वाले टॉप टेन की श्रेणी में आए हैं। उनके शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी अच्छी नहीं रही है। उन्होंने 8 साल में अपनी डिग्री पूरी की है और सांख्यिकी (सांख्यिकी ) में 4 बार फेल होने के बाद उन्हें मैथ्स विषय में पूरे अंक मिले हैं। वही उम्मीदवारों का पीईबी (Peb) से यह भी सवाल है कि जिसने 8 साल में अपनी डिग्री पूरी की है उसने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की परीक्षा में टॉप कैसे कर लिया।

हालांकि इस मामले में प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि यह महज एक संयोग है और किसी भी तरह की गड़बड़ी की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। वहीं अधिकारियों ने कहा है कि कुछ भी संदेह होने पर मामले की तत्काल जांच कराई जाएगी। जिसके बाद इस मामले को लेकर उम्मीदवार कृषि मंत्री कमल पटेल (kamal patel) के पास पहुंचे और उन्होंने उम्मीदवारों को जांच के आश्वासन दिए हैं।

वही उम्मीदवारों की मांग है कि प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड के अधिकारियों का दावा यदि सही और कोई घोटाला नहीं किया गया तो कृषि विकास अधिकारी परीक्षा के टॉप टेन उम्मीदवारों का एक ओपन मीडिया ट्रायल (medaia trial) करवाया जाए। जिसके बाद इस समस्या का निराकरण हो जाएगा।

हालांकि इस परीक्षा को लेकर एक और मामले में प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड घिरता आ रहा है। बोर्ड ने इस परीक्षा की जिम्मेदारी एनएसईआईटी (NSEIT) को दी गई थी जो पहले से ही आरोपों में रही है। जिसके बाद 2017 में यूपी में गड़बड़ी के कारण एनएसईआईटी को ब्लैक लिस्ट किया गया था।


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