जबलपुर में जुआफड़ के लेनदेन में चली गई युवक की जान, दो आरोपी गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार।गोराबाजार में आज उस वक्त हड़कंप मच गया जब धोबीघाट के समीप खेत में चल रहे जुआफड़ में देर रात लेनदेन को लेकर उपजे विवाद में एक युवक की चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गई,रु के लेनदेन को लेकर 4 युवकों में विवाद हो गया जिसमें एक युवक की चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गई जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल है जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

आरोपियों ने तब तक चाकू मारा जब तक निकल नही गई जान

गोराबाजार थाना पुलिस की माने तो टिंकू-संतोष नाम के दो युवकों का आरोपीयो से विवाद हो गया जिसके बाद उन पर चाकूओं से हमला कर दिया गया,आरोपीयो के अचानक हुए हमले से टिंकू लहूलुहान हो गया और मौके पर ही मौत हो गई,जबकि संतोष घायल हालात में भागकर पुलिस के पास पहुँच गया, इस घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गयी।

सूचना के बाद मौके पर पहुँची पुलिस

घटना की सूचना पर मौके में पहुँची पुलिस ने शव का पंचनामा कर पीएम के लिए भेजते हुए मर्ग कायम कर जाँच शुरू कर दी है, गोराबाजार पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि भौंगाद्वार निवासी 39 वर्षीय सुरेंद्र पिल्ले टिंकू हार्डवेयर की दुकान चलाता है। बुधवार रात सुरेन्द्र पिल्ले, संतोष दाहिया धोबीघाट गए थे, जहां दोनों का गगन चौधरी और उसके एक साथी अमन चौधरी से रूपयों के लेनदेन की बात को लेकर विवाद हो गया। गगन और उसके साथी ने सुरेंद्र और संतोष पर चाकू से हमला किया जिसमें टिंकू उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वारदात के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए।

पुलिस ने दोनों आरोपीयो की किया गिरफ्तार

वारदात के बाद पुलिस ने घेराबंदी करते हुए और मुखबिर तंत्र को अलर्ट किया जिसके बाद पुलिस ने आरोपी गगन चौधरी और अमन चौधरी निवासी धोबीघाट को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है, वारदात स्थल से पुलिस से खून से सना फ्लैक्स भी जब्त किया है।

अभी लौट कर आया हूं

क्षेत्र में चर्चा है कि धोबीघाट के पास खेत में कुछ लोग बैठकर जुआ खेल रहे थे। रात करीब 10.30 बजे के आसपास झगड़ा होने की आवाज स्थनीय लोगों को सुनाई दी। पुलिस को लोगों ने बताया कि जुआफड़ में रूपयों के लेनदेन पर झगड़े के बाद हत्या हुई है। रात में सुरेंद्र घर से यह कहकर निकला था कि कुछ देर बाद लौटकर आता हूं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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