अमृतसर ही नहीं भारत का यह शहर भी कहलाता है “गोल्डन सिटी आफ इंडिया”, सोने की तरह चमकती है पूरी नगरी

इस नाम को सुनकर लोगों के दिमाग में सबसे पहले जो शहर का नाम आया होगा, वह अमृतसर का होगा... क्योंकि यहां सिखों का विश्व प्रसिद्ध गोल्डन टेंपल है, जहां देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग पहुंचते हैं, लेकिन इस प्रश्न का उत्तर कुछ अलग सा है।

golden city of india

Golden City of India : यूं तो हर शहर की अपनी अलग-अलग पहचान होती है। कुछ खान-पान के लिए जानी जाती है, तो कुछ अपने साथ ऐतिहासिक धरोहर समेटे हुए हैं। कुछ समुद्री लहरों के लिए विश्व भर में प्रख्यात है, तो कुछ पहाड़ की वादियां शांत माहौल लोगों को प्रदान करती है। ऐसे में इन सभी शहरों का कुछ-ना-कुछ उपनाम भी अवश्य होता है, जिन्हें लोग इसी नाम से पुकारते हैं। जैसे पिंक सिटी, वाइट सिटी, ब्लू सिटी, रेड सिटी, आदि।

इन सभी नामों में एक नाम गोल्डन सिटी का भी शामिल है। जिसे सुनकर लोगों के दिमाग में सबसे पहले जो शहर का नाम आया होगा, वह अमृतसर का होगा… क्योंकि यहां सिखों का विश्व प्रसिद्ध गोल्डन टेंपल है, जहां देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग पहुंचते हैं, लेकिन इस प्रश्न का उत्तर कुछ अलग सा है।

गोल्डन सिटी ऑफ इंडिया

दरअसल, अमृतसर के अलावा भी एक ऐसा शहर है जिसे गोल्डन सिटी के नाम से जाना जाता है। इस शहर का नाम जैसलमेर है जो कि राजस्थान का जाना माना और प्रसिद्ध शहर है। यह रेगिस्तान में बसा हुआ शहर है। ऐसे तो राजस्थान एक ऐसा राज्य है, जहां पर्यटन स्थल काफी अधिक मात्रा में है। यहां के हर एक शहर की अपनी अलग-अलग खासियत है। यहां का समृद्ध इतिहास, अनूठी संस्कृति, पहनावा-उढ़ावा, खान-पान सब कुछ बाकी अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी अलग है। जिसे सभी लोग पसंद करते हैं।

सोने की तरह चमकती है नगरी

अब सवाल यह है कि आखिर जैसलमेर को गोल्डन सिटी ऑफ़ इंडिया क्यों कहा जाता है? इस प्रश्न का जवाब यह है कि यह शहर अपने पीले पत्थरों की इमारत के लिए पूरी दुनिया भर में मसहूर है। यहां पर मौजूद सोनार किला एक ऐसी जगह है, जहां सूर्य की किरण पड़ने पर नजारा सोने की तरह चमक उठता है। इसलिए इस किले को गोल्डन फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। सुबह-शाम को इसे देखने के लिए लोग दूर-दराज से यहां आते हैं और स्वर्णिम नगरी का आनंद उठाते हैं।

इतिहास

शहर के इतिहास की बात करें, तो इसकी स्थापना राव जैसलमेर साल 1155 ईस्वी में की थी। पहले इसे माडधरा व वल्लभमण्डल के नाम से जाना जाता था। वहीं, साल 1947 में भारत के आजाद होने के बाद इस शहर की रियासत राजस्थान में विलय हो गई, जिसके अंतिम शासक महारावल गिरधर सिंह थे। यह शहर अपने आप में काफी अलग है। यहां दुनिया का एकमात्र ऐसा किला है जो कि रेगिस्तान में स्थित है। यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों की सूची में इसका नाम शामिल कर लिया है। इस किले को जीवित किला भी कहते हैं, क्योंकि इसके आसपास हजारों लोग रहते हैं। यहां सबसे कम वर्षा होती है, जिस कारण खेती भी यहां कम ही की जाती है।

करें एक्सप्लोर

अगर इस शहर को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो आप लक्ष्मीनाथ मंदिर, जैन मंदिर, कैनन पॉइंट, मारवाड़ पैलेस, किला संग्रहालय सहित गोल्डन फोर्ट विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा आप यहां डेजर्ट नेशनल पार्क, जैसलमेर वॉर और लोंगेवाला वॉर मेमोरियल, कुलधरा गांव, बड़ा बाग, पटवा की हवेली सहित सैम सैंड ड्यून्स भी घूम सकते हैं।

अन्य उपनाम

यह शहर केवल गोल्डन सिटी ऑफ़ इंडिया ही नहीं, बल्कि अन्य बहुत से उपनामों से भी प्रसिद्ध है। जिनमें हवेलियों का शहर, म्यूजियम सिटी, पीले पत्थरों का शहर, झरोखों की नगरी, गलियों का शहर, रेगिस्तान का गुलाब, राजस्थान का अंडमान, पंखों की नगरी जैसे नाम शामिल है, जो इसे बाकी सभी शहरों से काफी ज्यादा अलग बनाती है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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