महिला दिवस : शिवराज ने 53 महिला स्व-सहायता समूहों के खातों में पहुंचाए 53 लाख

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  ग्वालियर जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित 53 महिला स्व-सहायता समूहों के खातों में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने भोपाल से 53 लाख रुपये की राशि (कैश क्रेडिट लिमिट) पहुँचाई। भोपाल में आयोजित हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने एक क्लिक के जरिए प्रदेश भर के स्व-सहायता समूहों के खातों में कुल मिलाकर 200 करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता पहुँचाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए श्योपुर व शिवपुरी जिले सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्व-सहायता समूहों से जुड़ीं महिलाओं से सीधा संवाद कर उनकी सफलता की दास्तां सुनीं। साथ ही समूह की दीदियों का उत्साहवर्धन भी किया।

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ग्वालियर जिले के ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार से बड़ी स्क्रीन के जरिए ऑनलाइन प्रसारित मुख्यमंत्री का उदबोधन सुना और कार्यक्रम में सहभागी बने। जिला पंचायत प्रशासकीय समिति की अध्यक्ष श्रीमती मनीषा यादव एवं कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh) ने समूहों की दीदियों को कैश क्रेडिट लिमिट के रूप में प्रमाण-पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी किशोर कान्याल व अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. विजय दुबे सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं ग्रामीण स्व-सहायता समूहों से जुडीं दीदी मौजूद थीं।

महिला दिवस : शिवराज ने 53 महिला स्व-सहायता समूहों के खातों में पहुंचाए 53 लाख

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महिला दिवस : शिवराज ने 53 महिला स्व-सहायता समूहों के खातों में पहुंचाए 53 लाख

श्रीमती मनीषा यादव का किया सम्मान

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुए कार्यक्रम में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh)ने फूलों का गुलदस्ता भेंट कर जिला पंचायत प्रशासकीय समिति की अध्यक्ष श्रीमती मनीषा यादव का सम्मान किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में भाग लेने आईं सभी महिलाओं को भी सम्मानित किया गया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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