World Lion Day 2024 : आज विश्व शेर दिवस है। हर साल 10 अगस्त को यह दिन दिन शेरों के संरक्षण और उनके अस्तित्व को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। शेर, जिसे हम जंगल का राजा कहते हैं, हमेशा से शक्ति, साहस और गौरव का प्रतीक रहा है। दुनियाभर में शेरों की सं ख्या में लगातार गिरावट हो रही है और उनका अस्तित्व खतरे में है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को शेरों के महत्व के बारे में जागरूक करना और उनके संरक्षण के लिए कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है। आज पीएम नरेंद्र मोदी ने विश्व शेर दिवस पर शुभकामनाएँ दी हैं।
विश्व शेर दिवस
विश्व शेर दिवस की स्थापना पहली बार 2013 में बिग कैट रेस्क्यू द्वारा की गई थी, जो शेरों को समर्पित दुनिया का सबसे बड़ा मान्यता प्राप्त अभयारण्य है। इसकी स्थापना डेरेक और बेवर्ली जौबर्ट ने जंगल में शेरों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के इरादे से की थी। पति-पत्नी की इस टीम जौबर्ट्स ने शेरों की घटती आबादी और जंगल में उनके सामने आने वाले खतरों की ओर ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता को पहचाना। 2009 में, उन्होंने “नेशनल ज्योग्राफिक” से संपर्क किया और बिग कैट इनिशिएटिव (बी.सी.आई.) बनाने के लिए एक साझेदारी बनाई।
विश्व शेर दिवस..शेरों के संरक्षण के प्रति हमारे दायित्व की याद दिलाता है। शेर, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनके संरक्षण का मतलब है न केवल इस अद्वितीय प्रजाति की रक्षा करना, बल्कि उनके आवास और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा का भी ध्यान रखना। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि अब शेरों की संख्या में तेजी से गिरावट हो रही है और उनका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
गिर नेशनल पार्क में शेरों के संरक्षण और सुरक्षा के प्रयास
विश्व में शेरों की आबादी तेजी से घट रही है। पहले जहां ये लगभग पूरे अफ्रीका और एशिया में पाए जाते थे, वहीं अब इनकी संख्या कुछ ही क्षेत्रों में सीमित हो गई है। शेरों के आवास के विनाश, शिकार और मानवीय हस्तक्षेप के कारण शेरों की संख्या में भारी कमी आई है। बात करें भारत की तो यहाँ शेरों की स्थिति विशेष रूप से गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य में महत्वपूर्ण है। गिर के शेर एशियाई शेर (Panthera leo persica) एकमात्र जानी-मानी आबादी है, और इन्हें “गिर के शेर” के नाम से जाना जाता है जो गुजरात के गिर नेशनल पार्क में पाए जाते हैं।
गिर के शेरों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में बढ़ोतरी हुई है। 2015 की जनगणना के अनुसार, गिर में शेरों की संख्या 523 थी। यह वृद्धि मुख्य रूप से वन विभाग के प्रयासों, स्थानीय समुदायों के सहयोग और जागरूकता अभियानों के कारण संभव हुई है। हालांकि, गिर के शेरों के सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं, जैसे अवैध शिकार, रोग और मानवीय गतिविधियों के कारण उनके आवास में गिरावट प्रमुख है। गिर के शेरों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इनमें शेरों के आवास क्षेत्र का विस्तार, अवैध शिकार पर नियंत्रण और शेरों के स्वास्थ्य पर नज़र रखने के लिए नियमित चिकित्सा जांच शामिल हैं। इसके अलावा, वन विभाग स्थानीय समुदायों को भी शेरों के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक कर रहा है और उन्हें संरक्षण के प्रयासों में शामिल कर रहा है। विश्व शेर दिवस शेरों के संरक्षण के प्रति हमारे दायित्व की याद दिलाता है।
On World Lion Day 🦁, I compliment all those working on Lion conservation and reiterate our commitment to protecting these majestic big cats. India, as we all know, is home to a large Lion population in Gir, Gujarat. Over the years, their numbers have increased significantly,… pic.twitter.com/PbnlhBlj71
— Narendra Modi (@narendramodi) August 10, 2024