भोपाल।
महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना के बाद उद्धव सरकार निशाने पर है।घटना के बाद देशभर के संतों में आक्रोश है। संत समाज द्वारा लगातार हत्या के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। इस बीच मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रह चुकीं उमा भारती ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है और आपराधियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।उन्होंने कहा कि ठाकरे सरकार इन महान संतों की हत्या से झुलसकर राख हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस घटना को कभी नहीं भूलेंगी।
भारती ने अपने पत्र में लिखा है कि भीड़ के द्वारा साधुओं की हत्या करना एक महापाप है, आप (उद्धव ठाकरे) के राज्य में ये जघन्य कृत्य हुआ है, इसलिए आपको इन्हें सजा देनी ही होगी।जिन पुलिसकर्मियों से साधु मदद की गुहार लगा रहे थे, उन्होंने ही उन्हें भीड़ के हवाले कर दिया।
उमा भारती ने मांग करते हुए लिखा कि पुलिसकर्मियों पर भी धारा 302 के तहत केस दर्ज होना चाहिए। पुलिसकर्मी चाहते तो हवाई फायर कर साधुओ को बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने स्वंय को इससे अलग कर लिया। वे भी इस हत्या के आरोपी है। । आपने अगर कठोर दंड नहीं दिया तो आप भी पाप के भागीदार होंगे। मैं आज प्रायश्चित के लिए उपवास रख रही हूं और साधुओं से भी एक दिन की उपवास की अपील करते हुए कहा है कि उन महान संतों की आत्मा की शांति के लिए एवं इस महापातक के प्रायश्चित के लिए जो संत जहां है उसी स्थान पर रहते हुए उपवास करें।। जब लॉकडाउन खत्म होगा, तो वह उस स्थान पर जाएंगी।
ट्वीट कर भी बोला हमला
इतना ही नही उन्होंने एक के बाद एक पांच ट्वीट किए है। पहले ट्वीट में उमा ने लिखा है कि पालघर, महाराष्ट्र में संतो की जो निर्मम हत्या हुई है जिसमें से एक संत तो 70 वर्ष के थे, भयानक रूप से दुखद एवं अंतरात्मा को झकझोर झकझोर देने वाली पीड़ा हुई है। वही दूसरे में लिखा है वीडियो में अपराधी साफ दिख रहे हैं पुलिस भी है फिर भी यह महापाप हो गया जहां पर कि उद्धव ठाकरे जी की सरकार है।उमा भारती ने आगे लिखा कि सभी अपराधियों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में फांसी की सजा की व्यवस्था को प्रोसेस करना चाहिए। लगता है कि उद्धव ठाकरे जी की सरकार इन महान संतों की हत्या से झुलसकर राख हो जाएगी। जूना अखाड़े के साथ मेरे आत्मीय संबंध हैं।मैं इस घटना को कभी भूलूंगी नहीं. सारे देश को इस घटना की निंदा करनी चाहिए।
ये है पूरा मामला
दरअसल, 16-17 अप्रैल की दरमियानी रात को पालघर से करीब 100 किलोमीटर दूर मॉब लिंचिंग की वारदात हुई। पालघर के गड़चिनचले गांव में मुंबई से सूरत जा रहे दो साधुओं और ड्राइवर की गाड़ी रोक कर जान ले ली। भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्वरी स्थित हनुमान मंदिर के थे।दोनों साधु मुंबई से सूरत अपने गुरू के अंतिम संस्कार में जा रहे थे। उन्होंने एक वैन किराये में ली थी। लॉकडाउन के बीच वे 120 किमी का सफर तय कर चुके थे। गड़चिनचले के पास वन विभाग के एक संतरी ने उन्हें रोक दिया। साधुओं की निर्मम हत्या का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।आरोपियों ने साधुओं के साथ एक ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। हमले के बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने मामले 110 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।