पेरेंट्स, ये है आपके बच्चे की हेप्पीनेस का सीक्रेट, रोज करें ये एक काम

Parenting Tips: क्या आप रोज़ अपने बच्चों को गले लगाते हैं? अगर नहीं, तो आपको जरूर ऐसा करना चाहिए। बच्चों को गले लगाना न केवल उन्हें प्यार और सुरक्षा का अहसास कराता है, बल्कि इससे उनके मानसिक और शारीरिक विकास में भी मदद मिलती है।

Bhawna Choubey
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बच्चों की अच्छी परवरिश करना हर माता पिता की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। जब बच्चा पेट में होता है तब से ही माता पिता को उसकी परवरिश की चिंता सताने लगती है। माता पिता अपने बच्चों को ख़ुश रखने और उन्हें अच्छी से अच्छी परवरिश देने के लिए अच्छा प्रयास करते हैं, साथ ही साथ हर प्रकार की सुख सुविधाएँ दिलाते हैं जैसे ही बच्ची को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़े।

लेकिन आज हम आपको जो बात बताने जा रहे हैं वह बात बहुत कम लोगों को ही पता होती है, अगर आपके घर में भी छोटे बच्चे हैं तो उन्हें रोज़ गले लगाना चाहिए। जी हाँ बिलकुल सही सुना, जब आप बच्ची को गले लगाते हैं तो उन्हें इमोशनल काफ़ी अच्छा महसूस होता है, उन्हें सुकून मिलता है, कई बार ये सुकून आपके द्वारा दी गई चीज़ों और सुख सुविधाओं से कहीं अधिक होता है। इतना ही नहीं बच्चों को गले लगाने से हेल्थ को भी कई फ़ायदे मिलते हैं, चलिए फिर इस आर्टिकल में समझ लेते हैं।

बच्चों को रोज गले लगाना क्यों है जरुरी (Parenting Tips)

रिश्तों में मज़बूती आती है

बच्चों को गले लगाने से रिश्तों में मज़बूती आती है। जब आप बच्ची को गले लगाते हैं तो उनका दिमाग़ ख़ुशी पैदा करने वाले हार्मोन्स को रिलीज़ करता है, जैसे की ऑक्सीटोसिन जिसे लव हारमोन भी कहा जाता है। यह हार्मोन न सिर्फ़ बच्चे के मूड को बेहतर बनाने में मदद करते हैं बल्कि मानसिक शांति और ख़ुशी का एहसास भी करवाते हैं। इसके अलावा ऐसा करने से बच्चे सुरक्षित महसूस करते हैं उन्हें लगता है कि उनका परिवार उनके साथ है।

मानसिक शांति मिलती है

अगर आप रोज़ाना अपने बच्चे गले लगाते हैं, तो ऐसा करने से बच्चों को मानसिक शांति मिलती है, उनके मन में चल रहे टेंशन ख़त्म हो जाते हैं। उन्हें यह एहसास होता है कि आप हमेशा उनके साथ हैं। गले लगाने से ना सिर्फ़ मोटी बेहतर होता है बल्कि चोट या घाव भी जल्दी ठीक हो जाते हैं। गले लगाने से बच्चों को प्यार मिलता है जिससे वे संतुष्ट महसूस करते हैं।

आत्मविश्वास बढ़ता है

बच्चों को रोज़ाना गले लगाने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। जब बच्चे अपने माता पिता से प्यार और सुरक्षा का एहसास करते हैं तो उनकी आदमी सभी मज़बूत होती है और वे जीवन में अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं। ऐसा करने से आप बच्चों के साथ दोस्ती वाला रिश्ता भी अपना सकते हैं, ऐसा करने से बच्चे मन में चल रही सारी बातों को आपसे शेयर करते हैं।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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