ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silawat) आज रविवार को ग्वालियर दौरे पर आये हैं। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान एयरपोर्ट विस्तार के लिए मिली आलू अनुसन्धान केंद्र की जमीन को देखा, उन्होंने ग्वालियर की सड़कों का निरीक्षण किया उन्होंने एक जगह पेंचवर्क मटेरियल उठाकर भी देखा लेकिन पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि अधिकारियों से बात करूंगा।
ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट आज रविवार को दोपहर ग्वालियर पहुंचे, ग्वालियर आगमन पर भाजपा नेताओं ने उनका आत्मीय स्वागत किया। प्रभारी मंत्री एयरपोर्ट से सीधे आलू अनुसन्धान केंद्र की उस जमीन को देखने गए जिसकी 110 जमीन हाल ही में एयरपोर्ट अथॉरिटी को मिली है। इस जमीन पर ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट का विस्तार होना है और नए टर्मिनल का निर्माण होना है।
जमीन देखने के बाद प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)और नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ये सौभाग्य की बात है कि जिन दो विभाग के बीच जमीन हस्तांतरण का प्रकरण था उसके मंत्री ग्वालियर के ही हैं। इसलिए काम बहुत आसान हो गया उन्होंने ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के प्रयासों को सराहा और ग्वालियरवासियों की तरफ से दोनों केंद्रीय मंत्रियों और प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।
प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने फूलबाग चौराहे से सेवानगर तक सड़कों की हालत देखी और गड्ढों को देखा। एक जगह रूककर प्रभारी मंत्री और उनके साथ मौजूद ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सड़क से पेचवर्क मटेरियल उठाकर भी देखा। मंत्री जी को सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे दिखाई दिए उनकी गाड़ी भी इन्हीं गड्ढों में से होकर निकली। मंत्री जी ने दाएं बाएं देखा और लेकिन कुछ बोले नहीं और जब मीडिया ने उनसे इसपर सवाल किया तो कहा कि मैं बैठक में अधिकारियों इसकी समीक्षा करूँगा।
सड़कों के निरीक्षण के बाद प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर बालभवन पहुंचे और यहाँ उन्होंने नगर निगम की वाटर फोगिंग मशीन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने ख़ुशी जताते हुए सभी को बधाई दी कि स्वच्छता के क्षेत्र में ग्वालियर में भी अच्छा काम हो रहा है उन्होंने कहा कि इसे इंदौर की तरह जन आंदोलन बनाने की जरुरत है तभी इंदौर की तरह ग्वालियर नंबर बन सकेगा।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....