इस कानून में संशोधन की तैयारी, IPS अफसरों ने पुलिस मुख्यालय को भेजे सुझाव

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश में अपराधिक कानून (Criminal law) में संशोधन की तैयारी की जा रही है। इसके लिए आईपीसी (IPC), सीआरपीसी (CrPC), इंडियन एविडेंस एक्ट में संशोधन के लिए देश के सभी आईपीएस अफसरों (IPS officers) से सुझाव मांगे गए हैं। इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने पत्र लिखकर सुझाव मांगे हैं।

दरअसल देश में एक बार फिर से अपराधिक कानून में संशोधन की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए केंद्र सरकार द्वारा पत्र जारी कर पुलिस मुख्यालय (PHQ) को भेजा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो आपराधिक कानून में संशोधन को लेकर मंथन कर रहे हैं। वहीं गृह विभाग से पत्र जारी होने के बाद मध्य प्रदेश के 250 से अधिक आईपीएस अफसरों ने अपने-अपने पक्ष पुलिस मुख्यालय को भेज दिए हैं।

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आईपीएस अफसरों की पक्ष की समीक्षा कर उसकी फाइनल रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। वही देश के विभिन्न प्रदेशों से आईपीएस अफसरों के सुझाव के बाद आपराधिक कानून में संशोधन की तैयारी की जाएगी। जानकारी के मुताबिक अब तक जो सुझाव है उसमें IPC 304 a के तहत एक्सीडेंट में किसी की जान जाने पर इस धारा का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें 2 साल की सजा और थाने में जमानत का प्रावधान है। वही आईपीएस अधिकारी के सुझाव की माने तो अब एक्सीडेंट होने पर सजा भले ही प्रावधान के अनुरूप रहे लेकिन जमानत थाने में ना हो। दूसरी बार वाहन से हादसा होने पर सजा के प्रावधान में 10 साल की बढ़ोतरी की जाए।

इसके अलावा IPC धारा 54 ए के तहत किसी अपराध में पकड़े गए आरोपी की शिनाख्त परेड कराने का प्रावधान है। जबकि IPS अफसरों के सुझाव की माने तो संदेह के दायरे में भी पकड़े गए फरियादी से शिनाख्त परेड को मंजूरी मिलनी चाहिए। वही भवन और टेंट से कोई प्रॉपर्टी चुराने पर 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। जबकि आईपीएस अधिकारियों के सुझाव की मानें तो फिलहाल इस मामले में कम सजा की धारा का प्रावधान किया गया जबकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट ट्रेन में चोरी हुई तो सजा को बढ़ाया जाना चाहिए।

वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने सबका साथ सबका विकास के तहत सभी आईपीएस अधिकारियों को पत्र लिखा है। वही मानना है कि इससे आपराधिक प्रावधानों में संशोधन से कमजोर और पिछड़े वर्ग के नागरिकों को जल्दी न्याय मिलेगा।


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