भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश में फैले कोरोना संक्रमण(Corona infection) के बीच लगातार 5 महीने से बंद देशभर के स्कूलों को फिर से खोले जाने की घोषणा केंद्र सरकार(central government) ने कर दी है। केंद्र सरकार ने चरणबद्ध तरीके से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की थी। जिनमें अनलॉक 4(Unlock-4) में स्कूल खोलने की इजाजत दी गई है। इसको लेकर मध्य प्रदेश सरकार(Madhya Pradesh Government) ने भी SOP जारी कर दिया था। जिसके बाद अब सरकारी तथा निजी स्कूल, स्कूल खोलने(school Reopen) की तैयारी में जुट गए हैं। वही सरकारी स्कूलों में 2 पालियों में कक्षा लगाए जाने पर विचार किया जा रहा है।
दरअसल प्रदेश में कोरोना का संक्रमण अभी भी कम नहीं है। जिसको देखते हुए स्वैच्छिक आधार पर 9 वीं से 12 वीं कक्षा के छात्रों को शिक्षकों से मार्गदर्शन के लिए स्कूल जाने की इजाजत रहेगी। शहर के बड़े सरकारी स्कूलों ने 2 पारियों में क्लासेस लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक बच्चे स्कूलों में पालकाें की इजाजत से ही आ पाएंगे। इसके बाद पालक महासंघ ने साफ कहा है कि जब तक राज्य सरकार बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी इंतजामों की जिम्मेदारी नहीं लेगी। वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। पालक महासंघ का कहना है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहती हैं। प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार तेज है ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना उचित नहीं है। वही सरकारी स्कूल में कई सुविधाएं ना होने की वजह से वहां सोशल डिस्टेंसिंग(Social Distancing) सहित अन्य गाइडलाइन(Guideline) का पालन संदेहास्पद है।
इधर निजी स्कूल लगातार अभिभावकों से चर्चा कर रहे हैं कि वह बच्चों के स्कूल आने की सहमति लिखित में या ईमेल पर उपलब्ध कराएं। साथ ही वह यह भी बताएं कि 10 दिनों से उनके बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी कौन से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल एसाेसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि तैयारी शुरू कर दी गई हैं। अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद बच्चाें के आने-जाने के इंतजाम पर पालकाें से बातचीत जारी है।
बता दें कि मंत्रालय के गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल अपने यहां पढ़ाई शुरू करने का फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। क्लासेस अलग-अलग टाइम स्लॉट में चलेंगी और कोरोना के लक्षण वाले स्टूडेंट्स को एंट्री नहीं दी जाएगी। वहीँ छात्रों को स्कूल में प्रवेश से पूर्व तापमान की जांच के लिए स्कूल के दरवाजों पर थर्मल गन होनी आवश्यक हैं। टीचर्स, स्टूडेंट्स और स्कूल के स्टाफ को 6 फीट की दूरी रखनी होगी। नौवीं से 12वीं तक के छात्र अगर अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए स्कूल जाना चाहेंगे तो उन्हें इसकी इजाजत होगी। हालांकि इसके लिए उन्हें अपने माता-पिता या अभिभावकों से लिखित सहमति लेनी होगी।