शनिवार को राजभवन घेरने की तैयारी तेज, कमलनाथ ने सौंपी जिम्मेदारियां

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। किसान आंदोलन (Farmers Protest) का समर्थन कर रही कांग्रेस (Congress) मुरैना (Morena) में खाट पंचायत करने के बाद अब राजभवन (Rajbhavan) घेरने की तैयारी कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने ट्विटर पर 23 जनवरी को राजभवन घेराव में शामिल होने की अपील पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से की है। कमलनाथ(Kamalnath) की राजभवन घेराव की अपील को पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh)  और एमपी कांग्रेस (MP Congress) ने भी अपने ट्विटर पर शेयर की है। जिससे प्रदर्शन में अधिक से अधिक लोग जुट सकें।

किसानों (Farmers) का समर्थन कर केंद्र और प्रदेश सरकार पर दबाव बना रही मध्यप्रदेश कांग्रेस ने 23 जनवरी शनिवार को राजभवन (Rajbhavan) के घेराव की घोषणा की है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath)ने ट्विटर एकाउंट पर विस्तृत कार्यक्रम बताते हुए लिखा कि मोदी सरकार (Modi Government)के तीन काले कृषि कानूनों (Agricultural laws) के विरोध में 23 जनवरी को सुबह 11:30 बजे जवाहर चौक पर इकट्ठा होंगे और वहीं से राजभवन कूच करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath) ने अधिक से अधिक संख्या में राजभवन घेराव मे शामिल होने की अपील कांग्रेस नेताओं से की है।

कांग्रेस सूत्रों की माने तो पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath)ने भोपाल के नजदीकी जिले सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा आदि से भीड़ जुटाने के निर्देश जिला अध्यक्षों और पूर्व मंत्रियों को दिये हैं। इन लोगों पर ये जिम्मेदारी भी रहेगी कि लोगों को जहाँ से लाया गया है उन्हें वापस वहाँ छोड़ना भी होगा।

कमलनाथ की राजभवन घेराव की अपील को पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्य सभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh)और एमपी कांग्रेस (MP Congress) ने भी अपने ट्विटर पर शेयर की है। जिससे प्रदर्शन में अधिक से अधिक लोग जुट सकें। कांग्रेस (Congress)पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि जब तक काले कृषि कानून वापस नहीं होते उसका आंदोलन जारी रहेगा।

 

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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