राजस्थान, डेस्क रिपोर्ट। राजस्थान कांग्रेस (rajasthan congress) के अंदर काफी दिनों से मतभेद की खबर सामने आ रही थी। इसी बीच लगातार खबर आ रही थी कि सचिन पायलट (sachin pilot) गुट के विधायक पार्टी की नीतियों से असंतुष्ट है। जिस पर अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) बड़ा निर्णय ले सकते हैं। माना जा रहा है कि इसी महीने राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। जिसमें पायलट खेमे के तीन चार विधायकों को मंत्री बनाए जा सकते हैं। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।
सूत्रों के मुताबिक पूर्वकालिक अध्यक्ष की जुलाई में नियुक्ति के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार (cabinet expansion) होने के आसार नजर आ रहे हैं। बता दे राजस्थान में कुल मंत्रियों की संख्या 30 हो सकती हैं जबकि अभी कैबिनेट (cabinet) में 21 मंत्री हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 9 मंत्री और बना सकते हैं। वही राजस्थान की सियासी गलियों में चर्चा तेज है कि इस बार पायलट गुट के तीन से चार विधायकों को मंत्री बनाने के साथ-साथ कांग्रेस में शामिल हुए अन्य पार्टी के विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
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बता दें कि पिछले साल मध्य प्रदेश में सियासी उथल पुथल के बाद से राजस्थान में भी इसका प्रभाव दिखने लगा था। जिसके बाद सचिन पायलट कुछ दिनों के लिए हाईकमान से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। इस दौरान राजस्थान में सरकार गिरने की संभावना साफ नजर आ रही थी। हालांकि कांग्रेस हाईकमान की कूट नीतियों की वजह से राजस्थान में सरकार बच गई। साथ ही इस चर्चा पर विराम लग गया था लेकिन कहीं ना कहीं पार्टी में असंतोष और अंतर्कलह की खबर लगातार मीडिया में बनी रही।
वही पायलट गुट के बगावत करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम के पद से हटा दिया था और रमेश मीणा सहित विश्वेंद्र सिंह को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। हालांकि अब माना जा रहा है कि जुलाई महीने में एक बार फिर से राजस्थान में कैबिनेट विस्तार किए जा सकते हैं।
वहीं जिन विधायकों को मंत्री नहीं बनाया गया है। वह मंत्री बनना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में अशोक गहलोत किन विधायकों को संतुष्ट कर पाते हैं। यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल कैबिनेट में 9 सीट खाली है और ऐसी स्थिति में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए पायलट गुट के विधायक समेत गहलोत के करीबियों को जगह देना एक चुनौती साबित होगी।