भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। भोपाल की लाइफलाइन कहे जाने वाला बड़ा तालाब, कब अतिक्रमण मुक्त होगा इस पर सालों से प्रश्न लगा हुआ है। अब तक प्रदेश में कई सरकारे आईं और चली गई पर बड़े तालाब को इंसाफ नहीं मिल पाया। आलम यह है कि अतिक्रमण का दाग बड़े तालाब की खूबसूरती को हर साल कम करता जा रहा। बड़ा तालाब शहर के लिए जितना ज़रूरी है। जिम्मेदार एजेंसियां इसको लेकर उतनी ही उदासीन और लापरवाह नज़र आती रही हैं।
खानूगांव क्षेत्र की बात की जाए तो यहां टीन टपरे, बांस बल्ली पर ही अधिकारियों की गाज गिरी है। अब तक कोई पक्का निर्माण नहीं तोड़ा गया है। बड़े तालाब पर हर साल नए अवैध कब्ज़े होते जा रहे हैं। पर मानों जिम्मेदारों की आंखों पर जैसे पर्दा पड़ा हो क्योंकि किसी का ध्यान उस तरफ नहीं जा रहा। कई बार प्रशासन की टीम एक अवैध कॉलेज की बाउंड्रीवॉल को देखने जरूर गई है। पर सिर्फ देखकर ही वापस आ जाती है। उसे तोडऩे की हिम्मत नहीं करती।
सालों से बड़े तालाब पर किया जा रहा है कब्जा
बड़े तालाब क्षेत्र में घुसपैठ कोई आज से नहीं हो रही, पिछले 12-15 साल से कब्जे हो रहे हैं, लेकिन पहले ये कच्चे थे मछलीपालने वाले चार बांस गाढ़कर अपना सामान रखते थे। बाद में इनमें टीनें लगीं और धीरे-धीरे ये पक्के निर्माण होते चले गए। आज की अगर बात करें तो तालाब के आस पास अवैध तौर पर कॉलेज, मकान, फिटनेस क्लब, स्पोर्ट क्लब, होटल, रेस्टोरेंट,शादी हॉल, फार्म हाउस और अस्पताल बन गए हैं। और प्रशासन इन्हें सिर्फ नज़र अंदाज़ कर रहा है। प्लान के अनुसार पहले फेस में बड़े तालाब से 20 से 25 मीटर की दूरी पर किये गए अवैध निर्माण को ढहाया जाना था। उसके बाद 50 मीटर तक किये गए अतिक्रमण हटाने की कारवाई होनी थी लेकिन अब तक किसी तरह की बड़ी कार्यवाई देखने को नहीं मिली है।
यहां हैं इतने अवैध कब्ज़े
खानूगांव क्षेत्र में 100 से ज़्यादा अवैध कब्जे
हलालपुरा क्षेत्र में 20 से ज़्यादा अवैध कब्जे
बेहटा में भी 100 से ज़्यादा अवैध कब्ज़े
भैंसाखेड़ी में 60 अवैध कब्जे
भदभदा क्षेत्र में 250 से ज़्यादा अवैध कब्जे
तालाब के आस पास 500 से अधिक अतिक्रमण
सरकार है बेखबर
इस पूरे मामले को लेकर जब नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से पूछा गया तो उन्हे इस अतिक्रमण की जानकारी ही नहीं है। उनका कहना है कि संबंधित विभाग कार्यवाई करते रहते है। जहां कब्ज़े का पता चलेगा कर्यवाई करेंगे। वहीं भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया की बात की जाए तो उनका कहना है कि सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया है। अगर किसी तरह का बड़े तालाब के कैचमेंट में अवैध निर्माण होता है तो चिन्हित कर कार्यवाई की जाएगी। पर वो कार्यवाई सिर्फ जुबानी होगी। क्योकि तालाब के सरंक्षण के लिए अब तक सारे जतन सिर्फ जुबानी रहे हैं। ऐसे में अब यही कहा जा सकता है कि शहर की शान इस बडे तालाब का राम ही रखा है।