भोपाल।
मध्यप्रदेश(madhypradesh) सियासी हलचल के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ(cm kamalnath) की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद(cabinet meeting) की बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए है।मुख्यत: कैबिनेट बैठक में मैहर(mehar), चाचौड़ा(chachoda) और नागदा(nagda) को नया जिला बनाए जाने की मंजूरी दी है। मध्य प्रदेश में अब 55 जिले हो गए।मार्कफेड और नागरिक आपूर्ति निगम के लिए 26 हजार करोड़ की बैंक स्वीकृति का फैसला लिया गया है।मुख्यमंत्री पेयजल योजना और सीवेज के लिए हुये टेंडर मे लगने वाले जीएसटी (दो हिस्सों मे लगता है सरकार और टेंडर क्रेता पर) मे सरकार का हिस्से को मंजूरी दे दी गई है।मुख्यमंत्री पेयजल योजना, सरदार सरोवर परियोजना समेत अन्य मुद्दों पर भी जरूरी फैसले लिए गए। कर्मचारियों की मांगों के लिए मंत्रियों की कमेटी को अगली कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है।
बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार के कुछ मंत्री शामिल नहीं हो पाए। इनमें उमंग सिंघार, सज्जन वर्मा, तरूण भनोट, लखन यादव, लखन घनघोरिया, जीतू पटवारी, हर्ष यादव के नाम शामिल हैं। ये सभी मंत्री बेंगलुरू में बागी विधायकों को मिलने गए हुए हैं। हालांकि उन विधायकों से इनकी मुलाकात नहीं हो पाई। इनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी गए थे।इसके बाद देर रात वे सभी भोपाल लौट आए।
बता दे कि बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मैहर को जिला बनाने की मुख्यमंत्री से मांग की थी।कई बार इसको लेकर त्रिपाठी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने सीएम हाउस भी पहुंचे थे। और बीते कई दिनों से वे लगातार उनके संपर्क में रहे । इससे पहले भी वे सीएए को लेकर अपनी पार्टी (भाजपा) के खिलाफ नजर आए थे। वे खुले मंच से कह चुके हैं कि जो उनके क्षेत्र के विकास की बात करेगा, वे उसके साथ रहेंगे। माना जा रहा है भाजपा के विधायक को साधने के लिए कमलनाथ सरकार ने ये दांव खेला है। वही कांग्रेस के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के विधायक भाई लक्ष्मण सिंह ने चाचौड़ा को जिला बनाने की मांग की थी। इसके लिए वे कई दिनों से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे थे।बीते दिनों उन्होंने पर्वत की परिक्रमा भी की थी।कही ना कही लक्ष्मण की इस मांग को पूरा कर कमलनाथ ने उन्हें मनाने की कोशिश की है।वही उज्जैन से विधायक दिलीप सिंह गुर्जर ने नागदा को जिला बनाने की मांग की थी। सूत्रों की मानें तो 4 बार विधायक बनने के बाद भी मंत्री नहीं बनाए जाने से भी दिलीप सरकार से नाराज हैं।
इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
– रजिस्ट्री में ऑनलाइन स्टांप खरीदने वालों को स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसमें स्टांप बेंडर को मिलने वाली डेढ़ प्रतिशत की छूट भी जारी रहेगी।
-मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के समस्त अधीनस्थ न्यायालयों में ऑडियो रिकार्डिंग सहित सी.सी.टी.वी.कैमरे लगाने के लिये 125 करोड़ 89 लाख रूपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी।
-इस परियोजना को तीन भागों में विभाजित कर प्रथम वर्ष 2020-21 के लिये 40 करोड़ रूपये, द्वितीय वर्ष 2021-22 के लिये 50 करोड़ रूपये तथा तृतीय वर्ष 2022-23 के लिये 35 करोड़ 89 लाख रूपये का आवंटन उपलब्ध कराया जायेगा।
-मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार परियोजना को मध्यप्रदेश के सम्पूर्ण न्यायालयों में लागू करने के पूर्व जिला जबलपुर के न्यायालयों (जिला एवं तहसील न्यायालयों) में सर्वप्रथम लागू किया जाकर प्रस्तावानुसार सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाएंगे। यहां के सी.सी.टी.वी. संचालन की सफलता के बाद प्रदेश के अन्य जिलों के न्यायालयों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाएंगे।
-मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन को प्रदेश में विकेद्रीकृत उपार्जन योजनान्तर्गत खाद्यान्न आदि के उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य शासकीय योजनाओं के संचालन, डेफिसिट पूर्ति और वर्तमान जारी वित्तीय व्यवस्था की निरंतरता के लिये राष्ट्रीकृत/शेडयूल्ड/जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक/नाबार्ड एवं सार्वजनिक वित्तीय संस्थाओं से धनराशि उधार लेने के लिये 26000 करोड़ रूपये की नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये देने का निर्णय लिया है।
-साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि उपार्जन में अधिक राशि की आवश्यकता होने पर आरबीआई की फूड क्रेडिट लिमिट, जिसकी ब्याज दर कुछ अधिक है, प्राप्त की जा सकेगी।
-मंत्रि-परिषद ने सरदार सरोवर परियोजना के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये आदेश के परिपालन में उच्च न्यायालय से सेवा निवृत्त न्यायाधीश श्री शम्भू सिंह, श्री सैय्यद अली नकवी, श्री आई.एस.श्रीवास्तव, श्री एस.एल.जैन और श्री एस.एस.द्विवेदी की संविदा नियुक्ति अवधि में पूर्व निर्धारित शर्तो के अधीन 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक अथवा प्रकरण को निराकृत होने तक (जो भी पहले हो) वृद्धि करने का निर्णय लिया।
-मंत्रि-परिषद द्वारा नर्मदा संकुल परियोजनाओं के शिकायत निवारण प्राधिकरण में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री विनोद सेमवाल तथा श्री अरुण कोचर को सदस्य (प्रशासनिक) तथा श्री अब्दुल जब्बार खान सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सदस्य (न्यायिक) के पद पर संविदा अवधि में 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक अथवा प्रकरणों का निराकरण होने तक (जो भी पहले हो) वृद्धि का निर्णय लिया गया।
– भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री चतुर्भुज सिंह की संविदा नियुक्ति अवधि में 31 दिसम्बर 2020 अथवा प्रकरणों का निराकरण होने तक (जो भी पहले हो) वृद्धि का निर्णय लिया गया। -मंत्रि-परिषद द्वारा श्री तारकेश्वर सिंह सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश को शिकायत निवारण प्राधिकरण (नर्मदा संकुल परियोजनाएँ) में सदस्य (न्यायिक) के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से एक वर्ष अथवा शिकायत निवारण प्राधिकरण के कार्यकाल तक, जो भी पहले हो, के लिये संविदा नियुक्ति प्रदान की गयी।