भोपाल।
मध्यप्रदेश में आखिर शिवराज सिंह चौहान अपने 100 दिन की सरकार पूरे होने के बाद कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं। करीबन 3 महीने से चर्चाओं का विषय रहा यह मंत्रिमंडल विस्तार आज पूरा हो जाएगा। इसके लिए पार्टी हाईकमान और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के बीच लंबी चर्चा एवं बैठकों के बाद मंत्रियों के नाम पर सहमति बनी है। हालांकि इसके लिए कई दौर की चर्चाएं हुई इसके बाद अनुमान लगाया जा रहे हैं कि इस बार पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल ना करके नए चेहरे को शिवराज कैबिनेट में जगह दी जा रही है।
दरअसल सूत्रों के हवाले से खबर के मुताबिक शिवराज कैबिनेट में कुल 26 मंत्री बनाए जा सकते हैं। जिन्हें बीजेपी की तरफ से 16 सिंधिया समर्थक साथ मंत्री और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए दिन पूर्व विधायक को मंत्री बनाने की बात सामने आई है। वह 6 पूर्व मंत्रियों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली। हालांकि चर्चा यह भी है कि 5 से 6 बीजेपी मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। शिवराज कैबिनेट से जिन 6 पूर्व मंत्रियों को जगह मिली है उनमें रहली से गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह खुरई से, यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी से हर्षित से भी जैसा मल्हारगढ़ से जगदीश देवड़ा और नरेला से विश्वास सारंग को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। वही शिवराज कैबिनेट में 10 नए चेहरे को भी जगह दिए जाने की बात सामने आई है। जिनमें जावत से ओमप्रकाश सकलेचा, बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, महू से उसे ठाकुर विजेंद्र प्रताप सिंह पन्ना से, अरविंद भदौरिया को अटेर, रामकिशोर कावरे को परसवाड़ा, उज्जैन दक्षिण से मोहन यादव, ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाहा, सुजालपुर से इंदर सिंह परमार और अमरपाटन से रामखेलावन पटेल को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा जादू का रहने वाला है। उनके समर्थक दो मंत्री पहले ही बनाए जा चुके हैं। अब जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक संध्या समर्थक 6 मंत्रियों को और मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। जिनमें बमोरी से महेंद्र सिंह सिसोदि,या ग्वालियर से प्रद्युमन सिंह तोमर, डबरा से इमरती देवी, सांची से डॉक्टर प्रभु राम चौधरी, मेहगांव से अरविंद भदौरिया, गोहद से रणवीर जाटव और बदनावर से राज्यवर्धन सिंह दंटिगांव को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा कांग्रेस से बीजेपी में आए 3 विधायकों को भी मंत्री पद दी जा सकती है। जिसमें बिसाहुलाल सिंह, ऐेंदल सिंह कसाना और हरदीप सिंह डंग प्रमुख नाम है।
वही माना यह भी जा रहा है कि शिवराज कैबिनेट ने पूर्व में शामिल सात मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया। जिनमें रामपाल सिंह, सुरेंद्र पटवा, संजय पाठक, गौरीशंकर बिसेन, पारस जैन और राजेंद्र शुक्ल के नाम प्रमुख है। हालांकि इससे पहले अपने एक बयान से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सियासी हलचल तेज कर दी है। शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल विस्तार से पहले यह कहते हुए विचार साफ कर दिए हैं कि हाईकमान की तरफ से तैयार किए गए मंत्रियों के इस लिस्ट में कुछ चेहरे ऐसे हैं जिसे शिवराज खुद मंत्रिमंडल में नहीं देखना चाहते। शिवराज ने कहा था जब भी मंथन होता है अमृत निकलते हैं, अमृत तो बंट जाता है, लेकिन विष शिव को ही पीना पड़ता है। ऐसे मामला साफ है कि कुछ चीजें मंत्रिमंडल में शिवराज के खिलाफ भी हो रही है और वह इससे संतुष्ट नहीं है। अब देखना दिलचस्प है कि शिवराज अपने मंत्रिमंडल में किन चेहरों को जगह देते हैं।