भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शिवराज सरकार (shivraj government) लघु उद्योग निगम (Small scale corporation) को बंद करने की तैयारी में है। इसके लिए प्रक्रिया (process) शुरू कर दी गई है। इतना ही नहीं सरकार द्वारा निगम के अधिकारी कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary retirement) का विकल्प भी दिया गया है।
दरअसल मध्य प्रदेश सरकार ने लघु उद्योग निगम को बंद करने का निर्णय लिया है। शिवराज सरकार द्वारा यह निर्णय 2017 में कमीशनखोरी के लिए बदनाम और अनियमितताओं की शिकायत के चलते लिया गया था। तब इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार किया गया था। हालांकि इसके बाद प्रदेश में सत्ता बदल गई और कमलनाथ सरकार (kamalnath government) द्वारा लघु उद्योग निगम को पहले की तरह रखा गया।
लेकिन प्रदेश में कमलनाथ सरकार की सत्ता गिरने के बाद एक बार फिर से सरकार ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। इस मामले में सरकार का कहना है कि लघु उद्योग निगम का कामकाज अब सीमित हो गया है। इस उद्योग निगम में आमदनी से ज्यादा खर्चे सामने आ रहे हैं। जिसके बाद इस निगम को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
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बता दे कि उद्योग निगम की स्थापना 1961 में की गई थी। यह निगम दूसरे विभागों के लिए उपकरण आदि खरीदने के लिए गठित हुई थी। इसके बदले निगम को कमीशन दिया जाता था। हालांकि पिछले 2 वर्षों से लघु उद्योग निगम को महज 70 करोड़ रुपए का कारोबार मिला है। वही निगम में कार्यरत 300 अधिकारी कर्मचारी को वेतन राज्य सरकार द्वारा देना होता है। जिसके बाद इसे बंद करने का निर्णय लिया गया है।
उद्योग निगम को बंद करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद सरकार द्वारा लघु उद्योग निगम में कार्यरत कर्मचारियों को वीआरएस का विकल्प दिया गया। जिसके लिए 55 से अधिक अधिकारी कर्मचारी ने आवेदन कर दिया है। माना जा रहा है कि शिवराज सरकार जल्द ही लघु उद्योग निगम को बंद करने की घोषणा कर सकती है।