भोपाल।
देश में हुए 21 दिन के पूर्ण लॉकडाउन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विधानसभा में 27 मार्च को होने वाले लेखानुदान को स्थगित कर दिया गया है। जिस पर शिवराज ने कहा है कि सरकार अध्यादेश लाकर सरकार चलाने के लिए चार महीनों के लिए धन की व्यवस्था करेगी। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विधानसभा के बजट सत्र का सत्रावसान किया गया है। वही शिवराज सरकार ने बताया कि अप्रैल माह से प्रदेश के जरूरी खर्चे के लिए सरकार अध्यादेश जारी करेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार देर शाम जारी अपने निर्णय में कहा है कि पूरे प्रदेश में 21 दिन तक पूर्ण रूप से लॉकडाउन होने की स्थिति में विधानसभा की बैठक बुलाना संभव नहीं है। ऐसे समय में सरकार को जरूरी खर्चों के लिए धन की आवश्यकता होगी। जिसके लिए सरकार ने निर्णय किया है कि वह लेखानुदान अध्यादेश जारी कर 4 माह के बजट की व्यवस्था करेगी। बता दे कि लेखानुदान आमतौर पर बजट का 40 फ़ीसदी माना जाता है। इसलिए यह बजट 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है। सरकार इसमें कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन और पेंशन के अलावा विभिन्न वित्तीय संस्थानों से लिए गए कर्ज और ब्याज की अदायगी के लिए भी प्रावधान करेगी। सीएम चौहान ने बताया कि बजट सत्र को स्थगित करने के लिए उनके विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह से बात हो चुकी है।
वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सभी विधायकों से अपील की है कि वह जहां है वहीं पर सुरक्षित रहें। घर में रहे और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए प्रदेश की जनता को शिक्षित करते रहें। पूरे प्रदेश वासियों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वह प्रधानमंत्री द्वारा किए गए 21 दिन के लॉकडाउन के आवाहन का स्वागत करते हैं। जनता के जीवन को बचाने के लिए जो जरूरी होगा वह सख्ती की जाएगी। अगर आप घर से बाहर निकल रहे हैं तो आप अपने अलावा अपने परिवार के जीवन को भी संकट में डाल रहे हैं। वही कोरोनावायरस जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने 1 माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष को समर्पित किया है। उन्होंने अन्य विधायकों से भी इसका हिस्सा बनने की अपील की है। सीएम चौहान का कहना है कि यह कठिन समय है लेकिन हम सब इस महामारी से लड़ कर इसको जरूर परास्त करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि वह प्रदेश वासियों के लिए सभी आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था करेंगे और स्वयं उन तक वह सभी वस्तुएं पहुंचाएंगे।
गौरतलब हो कि इससे पहले मंगलवार को राज्यपाल लालजी टंडन वरिष्ठ विधायक जगदीश देवड़ा को विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। इसी के साथ विधानसभा के नए अध्यक्ष के लिए अध्यक्ष पद पर चुनाव की स्थिति बनती दिख रही है। अटकलें के भी है किसी ऐसे समीकरण को देखते हुए तालिका में से सबसे वरिष्ठ सदस्य जगदीश देवड़ा यह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीताशरण शर्मा पर सहमति बन सकती है। वही मंगलवार को विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एमपी प्रजापति ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।