भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना(Corona) संक्रमण काल के बीच प्रदेश में लगातार स्कूलों के ट्यूशन फी लेने पर प्रदेश भर में अभिभावकों का विरोध देखने को मिल रहा था। प्रदेश में लॉकडाउन(Lockdown) पीरियड में निजी स्कूलों(Private Schools) द्वारा लगातार बच्चों पर फीस(Fees) का दबाव बनाया जा रहा था। जिसके बाद हाईकोर्ट(Highcourt) ने आदेश जारी करते हुए निजी स्कूलों से सिर्फ ट्यूशन फीस(Tuition Fees) वसूलने की बात कही थी। जिसके बाद अब मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग(Madhya Pradesh School Education Department) ने जिले के सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि निजी स्कूल 24 मार्च 2020 के बाद से बच्चे से सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकेंगे।
दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव केके द्विवेदी ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि यदि निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य किसी भी तरह की फीस वसूलने की बात करते हैं तो नियमों के तहत उन पर कार्रवाई की जाएगी। उप सचिव केके द्विवेदी ने यह भी बताया कि जिन स्कूलों ने नए सत्र में बढे हुए ट्यूशन फीस की घोषणा कर दी है और उनकी जानकारी में यह बात दी गई है। ऐसे स्कूल बढे हुए ट्यूशन फीस की ही मांग कर सकेंगे। वहीं जिन स्कूलों ने फीस की घोषणा नहीं की है। वह पूर्व के ही घोषित ट्यूशन फी लेंगे। इसके अलावा अतिरिक्त किसी भी शुल्क पर स्कूलों पर कार्यवाही की जाएगी। द्विवेदी ने यह भी बताया कि अभिभावकों का आरोप है कि कई स्कूलों ने साल भर की फीस को ही ट्यूशन फीस में जोड़ दिया है। ऐसा करने वाले स्कूलों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आज से ऑनलाइन संचालित होंगे क्लास
वहीं दूसरी तरफ सोमवार सुबह 7:00 बजे से सुबह 10:00 बजे तक एमपी बोर्ड की 9वीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं का संचालन जाना है। जहाँ ऑनलाइन क्लास का आयोजन किया जाना है। दूरदर्शन पर इसका प्रसारण किया जायेगा।
बता दे कि अभिभावकों के लगातार विरोध के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने निजी स्कूलों को लॉकडाउन की अवधि तक सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के आदेश जारी किए थे। जिसके बाद कई स्कूलों ने इस आदेश की अवहेलना करते हुए अभिभावकों से ट्यूशन फिर से अधिक फीस की मांग की थी। जिस पर यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। वहीं हाईकोर्ट ने फैसले को सही ठहराते हुए लॉकडाउन की इस घड़ी में सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की बात कही थी। जिसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट की डबल बेंच में एक बार फिर इस आदेश को चुनौती दी गई। जिस पर अब जबलपुर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूल सकेंगे।