Suicide : पहले महिला ने अपने दोनों बच्चों को फंदे पर लटकाया, फिर खुद भी सो गई मौत की नींद

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विदिशा, डेस्क रिपोर्ट। मां और बच्चों का रिश्ता दुनिया का सबसे पवित्र रिश्ता (Purest Relation) माना जाता है। मां अपने बच्चों को खुश देखने के लिए किसी भी हद तक चली जाती हैं। जब भी बच्चा अपने जीवन में सफल होता है वह इसका श्रेय अपनी मां को देना कभी नहीं भूलता और जब भी उसे कोई परेशानी होती है तो उसके मुंह से सबसे पहला शब्द मां ही निकलता है। लेकिन क्या हो अगर वहीं मां जिससे भगवान की उपाधि प्राप्त है, वो अपने दो बच्चों की जान ले ले। कुछ ऐसा ही मामला विदिशा (Vidisha) जिले की लटेरी क्षेत्र से आया है।

जहां लटेरी तहसील के नटेरन थाना क्षेत्र के सेमरी गांव में एक आंगनवाड़ी साहिका ने अपने 6 साल के बेटी और 3 साल के बेटे को फांसी के फंदे से लटका दिया। अपने बच्चों को फंदे से लटकाने के बाद महिला ने खुद की भी जान ले ली (Suicide)। बता दें कि महिला का नाम जो रुपवती है जो कि आंगनबाड़ी में सहायिका (Assistant helper) के तौर पर काम करती है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि महिला ने आत्महत्या (Suicide) से पहले पूरा सिंगार किया था।  उसने सुहागन के रूप में इस दुनिया को अलविदा कहा है। इस घटना के बाद से ही क्षेत्र में मातम और सनसनी दोनों का माहौल बन गया है। वहीं पुलिस (Police) आत्महत्या (Suicide) के कारण का पता लगाने में जुट गई है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।