क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय पर कलेक्टर ने हेल्प डेस्क का किया शुभारंभ, किया गया पौधारोपण

Gaurav Sharma
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मुरैना, संजय दीक्षित। जिले में छोन्दा टोल पर बने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय आफिस पर कलेक्टर और एसपी ने हेल्प डेस्क का आयोजन किया हैं। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सुजानिया उपस्थित थे। इस मौके पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अर्चना परिहार भी उपस्थित थी। इस मौके पर आरटीओ अर्चना परिहार का कहना था कि परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त के आदेशानुसार आज हेल्प डेस्क का उदघाटन किया गया।जो भी आवेदक किसी कार्य के लिए परिवहन कार्यालय में आरसी और लाइसेन्स के लिए आते हैं तो उनको गाइड करने के लिए हेल्प डेस्क परिवहन मित्र सेवा के नाम से शुरू किया गया हैं।

हेल्प डेस्क खुलने के बाद आने जाने वाले लोगों को कहीं भी इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा।।उनके लिए एकल खिड़की पर सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। उसके बाद टोकन सिस्टम भी शरू किया गया है, जिसमे आवेदक को लाइसेंस की फोटो करवाने के लिए लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगी । आवेदक कार्यालय में आकर टोकन नंबर प्राप्त करेगा और अपना नंबर आने पर फोटो करवा सकेगा । उसी क्रम में जिसमे आवेदक पहले आया हैं उसका नंबर पहले लगाया जाएगा, इसलिए टोकन सिस्टम भी शुरू किया गया है।

कार्यक्रम के बाद परिवहन अधिकारी ने पौधा रोपण भी किया।कार्यक्रम के बाद परिवहन अधिकारी अर्चना परिहार, एके जिंदल, हरिकिशन ,धीरज शर्मा ,विजय मिश्रा, बनवारी बाथम, सूरत राम बघेल,  चंद्रा छावर, भानु प्रताप सिंह ,मुनेंद्र सिंह, प्रशांत चौहान और संजय राठौर सहित कई लोगों ने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय पर पौधारोपण किया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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