भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। दक्षिण भारत की समृद्धि का आधार नारियल अब नर्मदा वैली के किसानों की तकदीर संवारेगा। कृषक अनिल पचौरी की अथक मेहनत और लगन से इस दिशा में मिली सफलता को सरकार अब अन्य किसानों से साझा कर उन्हें नारियल की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी। कृषि मंत्री कमल पटेल अपने गृहग्राम बारंगा में भी नारियल के पेड़ लगाने जा रहे हैं।
जबलपुर में लमेटा घाट के समीप कृषक अनिल पचौरी का नर्मदा ग्रीन पार्क प्रदेश के किसानों के लिए तकदीर बदलने की तस्वीर पेश कर रहा है। दस एकड़ के इस कृषि फॉर्म में नारीयल की पेड़ लहलहाने लगे हैं और उन पर नारियल की फसल आना शुरू हो गई है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने अनिल पचौरी के फार्म का निरीक्षण कर इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस फार्म पर नारियल के पेड़ों के बीच गुलाब के फूल भी उगाए जा रहे हैं।
इसके साथ ही चना और तुअर की खेती भी हो रही है। अनिल पचौरी इसके लिए जैविक खेती को अपनाए हुए हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि इस तरह की वैकल्पिक खेती को प्रोत्साहित करके किसानों की आय को तेजी से बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अन्य किसानों को प्रेरित करने के साथ ही वह अपने गृहग्राम बारंगा में भी नारियल की खेती शुरू करेंगे। कृषि मंत्री कमल पटेल ने नर्मदा ग्रीन पार्क में अवलोकन के बाद चंदन का पौधा रोपा।
दस एकड़ में एक करोड़ का टर्नओवर संभव
नर्मदा ग्रीन पार्क के संचालक अनिल पचौरी ने बताया कि नारियल का पेड़ वायुमंडल से अपने लिए पानी लेता है, इस लिहाज से नर्मदा नदी के किनारे की आर्द्रता नारियल के लिए मुफीद साबित हुई है। पचौरी ने कहा कि नारियल को लक्ष्मी का पौधा कहा जाता है, एक बार लग जाने के बाद यह हमेशा धनवर्षा करता है। अनिल पचौरी ने पारंपारिक खेती के साथ नारियल के पेड़ लगाने पर दस एकड़ में एक करोड़ रुपये तक के टर्नओवर का दावा किया।
उन्होंने कहा कि नारियल का पेड़ 80 से 90 साल तक फल देता है, एक पेड़ में एक साल के भीतर 400 से 500 फल आते हैं, इन्हें पक्षियों और अन्य जीवों के साथ आंधी तूफान से भी नुकसान नहीं होता, नारियल का पेड़ हर हाल में लाभ पहुंचाता है। नर्मदा वैली में नारियल की उपज को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार अनिल पचौरी की मदद लेगी।
इस अभियान से बदलेगी किसानों की तकदीर, कृषि मंत्री कमल पटेल ने कही ये बात pic.twitter.com/fj8NFmmqjS
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) November 26, 2020