खरगोन में व्यापारियों ने क्यों ली आतंकवादी बनने की शपथ ? अधिकारियों को भी दी धमकी, जाने पूरी वजह

खरगोन,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान (Campaign Against Encroachent) लगातार जारी है। हाल ही में प्रदेश के दमोह (Damoh) जिले के गढ़ाकोटा में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव (PWD Minister Gopal Bhargava) के बंगले के बाहर से अतिक्रमण हटाया गया, जिसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई थी। वहीं अब खरगोन में भी अतिक्रमण हटाओ मुहिम के तहत दुकानदारों का आक्रोश देखने को मिला है, जहां पर वह अतिक्रमण हटाओ मुहिम का विरोध करते हुए शपथ (oath) लेते नजर आ रहे हैं जिसमें वह कह रहे हैं कि अब हम बेरोजगार (Unemployed) हो गए हैं तो अब हम आतंकवादी और नक्सलवादी (Terrorists and Naxalites) बनेंगे, जिसके बाद से प्रशासन में खलबली मच गई है।

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।