ग्वालियर, अतुल सक्सेना| उप चुनाव (BY-election) से पहले ग्वालियर (Gwalior) में कांग्रेस (Congress) को तिहरा झटका लगा है| पार्टी के बड़े नेताओं पर अपमान और अनदेखी के आरोप लगाते हुए तीन बड़े और जमीनी नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। ग्वालियर विधानसभा से आने वाले इन तीनों नेताओं ने आज बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh chauhan), सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
उप चुनावों में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद ग्वालियर में कांग्रेस नेताओं में पार्टी के प्रति नाराजगी सामने आई। ग्वालियर विधानसभा से टिकट के प्रबल दावेदार वरिष्ठ नेता पूर्व जिला अध्यक्ष एवं प्रदेश महासचिव अशोक शर्मा को पार्टी ने जब दरकिनार करते हुए प्रदेश सचिव सुनील शर्मा को उम्मीदवार बनाया तो ये उन्हें अपना अपमान लगा। उन्होंने इसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात की लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। अशोक शर्मा की नाराजगी का पता चलते ही ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने उनसे मुलाकात की, फिर प्रदेश पदाधिकारी वेद प्रकाश शर्मा से मुलाकात करवाई और वरिष्ठ नेतृत्व से चर्चा के बाद अशोक शर्मा का भाजपा में आने का रास्ता साफ हो गया। इसके बाद बुधवार को आज अशोक शर्मा ने कांग्रेस महासचिव पद सहित पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और भोपाल में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। अशोक शर्मा को स्वयं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर वरिष्ठ नेता वेद प्रकाश शर्मा के साथ लेकर भोपाल गए। अशोक शर्मा के साथ ही उनके साथी एवं हाल ही में प्रदेश सचिव बनाये गए बसंत शर्मा ने भी कांग्रेस को छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली।
अशोक शर्मा के भाजपा जॉइन करने से प्रद्युम्न को होगा लाभ
गौरतलब है कि अशोक शर्मा ब्राह्मण समाज के बड़े नेता हैं उनकी समाज में अच्छी पकड़ है। चूंकि ग्वालियर विधानसभा में क्षत्रिय वोटों के बाद ब्राह्मण वोटों का नंबर आता है इसलिए अशोक शर्मा और बसंत शर्मा के आने से भाजपा को लाभ होगा। हालांकि सुनील शर्मा का टिकट भी ब्राह्मण कोटे से ही है लेकिन सुनील शर्मा राजस्थान के ब्राह्मण हैं जिनकी संख्या ग्वालियर में बहुत कम है जबकि अशोक शर्मा शनाढ्य ब्राह्मण हैं और ग्वालियर विधानसभा में इनकी संख्या अधिक है। इसलिए अशोक शर्मा और बसंत शर्मा का भाजपा में आने के बाद माना जा रहा है कि इससे प्रद्युम्न सिंह तोमर को लाभ होगा।
मांझी समाज के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व कांग्रेस पार्षद ने छोड़ी पार्टी
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अशोक शर्मा और प्रदेश सचिव बसंत शर्मा के पार्टी छोड़ने के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व पार्षद एवं मांझी समाज के प्रदेश अध्यक्ष केशव मांझी ने भी कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए केशव मांझी ने कहा कि कांग्रेस ने हमारे समाज के वोटो के लिए हमसे झूठ बोला। जब वोट चाहिए थे तब कहा कि सरकार बनने के बाद आपकी सभी मांगों को मान लिया जायेगा लेकिन पार्टी ने हमारी मांग को अपने मेनफेस्टो में भी नहीं रखा। केशव ने बताया कि पिछले दिनों ग्वालियर दौरे पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी मुलाकात की थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। केशव ने यहाँ तक कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तब भी उन्होंने कांग्रेस के मंत्रियों के सामने समाज की मांगें रखी थी लेकिन मंत्रियों ने सहयोग नहीं किया उल्टा मना कर दिया। इसलिए ऐसी पार्टी में रहने का क्या फायदा जो अपने फायदे के लिए समाज के वोट चाहती है। उधर अशोक शर्मा ने भी कहा कि जहाँ सम्मान नहीं मिले वहाँ रहने का क्या फायदा।
शिवराज, सिंधिया , प्रदेश अध्यक्ष के सामने ली सदस्यता
अशोक शर्मा, बसंत शर्मा और केशव मांझी ने बुधवार को भोपाल में भाजपा के एक कार्यक्रम में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रदेश से पदाधिकारी बनाये गए नेताओं के स्वागत के लिये आयोजित कार्यक्रम में तीनों नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत, अनुसूचित जाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।