इंदौर।स्पेशल डेस्क रिपोर्ट
देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वारियर्स के खिलाफ हमले और हिंसा की तमाम वारदातों के बावजूद कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे कई लोग ऐसे हैं जो इस महामारी के खिलाफ अकेले ही मैदान संभाल रहे हैं। इंदौर के देपालपुर ब्लॉक में इन दिनों ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है जहां आधा दर्जन गांवों में संक्रमण रोकने के लिए स्वास्थ विभाग की कार्यकर्ता लेडी सिंघम बनी हुई है जो ग्रामीणों को घरों में ही रहने के लिए लाठी चलाने से भी नहीं चूक रही है।
दरअसल देपालपुर के जमगोदा, अंजर खेड़ा पाडल्या, भीलबड़ौड़, धमार्ट और गोडर गांव में लॉक डाउन के दौरान ग्रामीणों को अपने घरों में रहने की गुहार लगाते लगाते स्थानीय पुलिस भी परेशान हो चुकी है, इन हालातों में स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र की ही संध्या पवार नामक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की ड्यूटी यहां लगाई है। ड्यूटी संभालते ही जब पुलिस की गैर मौजूदगी में ग्रामीणों ने चौपालों पर बैठना और ताश खेलना नहीं छोड़ा तो संध्या को आखिरकार लठ उठाना पड़ा, इसके बाद उसने अकेले ही घरों के बाहर रहने वाले ग्रामीणों को अकेले ही खदेड़ना शुरू कर दिया । स्थानीय महिला होने के कारण आखिरकार ग्रामीणों को भी संध्या की बात माननी पड़ रही है।
लिहाजा, संध्या अब क्षेत्र में लेडी सिंघम के रूप में पहचानी जाने लगी है जो गांव में जिस किसी को भी घर से बाहर अनावश्यक आते जाते देखती है फौरन उसे घर के अंदर करने की कोशिशों में जुट जाती है इस दौरान कई बार संध्या को देखकर चोरी छुपे खोली गई दुकानों के शटर भी गिर जाते हैं हालांकि ग्रामीण और संध्या के प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने को लेकर खासे संतुष्ट भी नजर आ रहे है। लेडी सिंघम संध्या के जज्बे और लोगो की फिक्र को देखते हुए ग्रामीण भी तारीफ करते नही थकते और लेडी सिंघम के डांट फटकार को मान लेते है क्योंकि उन्हें पता है कि जो कुछ किया जा रहा है उनकी भलाई के लिए ही किया जा रहा है।