साइकिल पर निकले शिवराज के मंत्री का दौरा चर्चा में, रात बिताएंगे धर्मशाला में 

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। अपनी कार्यशैली से हमेशा चर्चाओं में रहने वाले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने एक बार फिर नई पहल की है।  वे ग्वालियर में दो दिवसीय दौरे पर हैं लेकिन ये दौरा अन्य दौरों से अलग होगा। इस दौरे में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar)अपने सरकारी वाहन को छोड़कर साइकिल से अपने क्षेत्र का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि वे उन लोगों के पास खुद चलकर जायेंगे जो बुजुर्ग हुए अशक्तजन उनके पास तक नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि उनकी ये पहल प्रदूषण मुक्त ग्वालियर, प्रदूषण मुक्त मध्यप्रदेश और प्रदूषण मुक्त भारत बनाने की दिशा में एक कदम है।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता एवं मध्यप्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar)6 और 7  मार्च को ग्वालियर के प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वे अपने विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर विधानसभा के विभिन्न वार्डों का दौरा करेंगे साथ ही विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन करेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर शनिवार 6 मार्च को तय समय पर साइकिल से क्षत्र के भ्रमण पर निकले। रास्ते में वे लोगों का अभिवादन स्वीकार करते जा रहे थे और जगह जगह रुक कर लोगों की समस्या पूछकर उसके निराकरण के लिए सम्बंधित आधिकारियों को फोन भी लगा रहे थे।

इस दौरान वे रुक रुक कर फुटपाथ पर बैठे श्रमिकों से चर्चा भी कर रहे थे।  उन्होंने पड़ाव फुटपाथ पर बैठे मोची नारायण दास से बातचीत की और उसकी परेशानी सुनकर उसे 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई। दो दिवसीय दौरे में ऊर्जा मंत्री अपनी विधानसभा के वार्ड 36, 3, 2, 4, 5, 10 एवं 6 की विभिन सड़कों का भूमि पूजन व लोकार्पण करेंगे। खास बात ये है कि वे इस दौरान 6 मार्च को रात्रि विश्राम वार्ड नंबर 10 स्थित घासमंडी धर्मशाला में करेंगे।

मीडिया से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने कहा कि मेरा कर्तव्य नहीं बनता कि  मैं उन लोगों के  पास खुद जाऊँ जो बुजुर्ग लोग मेरे पास नहीं आ सकते?  क्या इस शहर को प्रदूषण मुक्त बनाना मेरा कर्तव्य नहीं है। मीडिया ने जब सवाल किया कि क्या ये यात्रा महंगे पेट्रोल डीजल के सन्दर्भ में तो नहीं है? इस सवाल का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि  लोग मेरी आलोचना भी कर सकते हैं करें , रहीं बात पेट्रोल डीजल की तो उसपर अलग से बहस करूँगा लेकिन क्या बुजुर्गों और लाड़ले लाड़लियों के लिए हमें प्रदूषणमुक्त वातावरण बनाने की जरुरत नहीं है ? उन्होंने कहा कि उनकी ये पहल प्रदूषण मुक्त ग्वालियर, प्रदूषण मुक्त मध्यप्रदेश और प्रदूषण मुक्त भारत बनाने की दिशा में एक कदम है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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